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चाइल्डलाइन की सक्रियता से बालिका वधू बनने से बची



वेद व्यास त्रिपाठी

प्रतापगढ़ ! सरकार भले ही बेटियों के शादी की उम्र 18 से बढाकर 21 वर्ष करने जा रही है मगर जागरूकता के अभाव में आज भी कुछ अभिभावक बच्चों के अधिकारों को अनदेखा करते हुए बाल विवाह कर रहे हैं. 


ऐसी ही एक घटना कल जनपद में देखने को मिली जहाँ जिले में बच्चों की सहायता के लिए संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 के हस्तक्षेप से कल एक सोलह वर्षीय बच्ची बालिका-बधू बनने से बच गयी. हुआ यूँ कि थाना महेशगंज अंतर्गत कल एक गाँव से चाइल्ड लाइन प्रतापगढ़ को बाल विवाह होने की सूचना मिली. 


हेल्पलाइन  की घंटी बजते ही चाइल्डलाइन की टीम सक्रिय हुई और जिला मुख्यालय से 85 किमी० दूर घटना स्थल के लिए रवाना हो गयी. 


चाइल्डलाइन की टीम के स्टाफ सुरक्षा की दृष्टि से महेशगंज थाना को सूचित करते हुए वास्तविकता जानने बालिका के घर होम विजिट किया गया। 


घटना स्थल पर मिली जानकारी के अनुसार थाना महेशगंज के अन्तर्गत सोलह वर्षीय एक नाबालिक लड़की की शादी पड़ोस के गाँव में एक लड़के के साथ किया जा रहा था। शादी की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थी। 


यहां तक शादी का कार्ड भी रिश्तेदारो में बट चुका था। बारात भी आने की सारी तैयारी हो चुकी थी और उनके स्वागत के लिए मिठाई आदि की तैयारी हो गई थी घर में रिश्तेदार भी आना शुरू हो गये थे.

       

चाइल्डलाइन व पुलिस द्वारा पूंछने पर परिवार द्वारा बताया गया कि लड़की बालिग है. इस पर परिवार द्वारा आधार कार्ड एवं जन्म प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध कराया. परंतु सिटी कोऑर्डिनेटर को इस प्रमाण पत्र पर संदेह हुआ तो उनके द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्र मांगा गया तो परिवार वालों ने बताया कि लड़की कभी स्कूल नहीं गई है। 


बाद में लड़की के भाई द्वारा प्रस्तुत जन्म प्रमाण पत्र को भी जारी करने वाले अधिकारी ने भी संदेहास्पद बाते जिससे टीम का शक और गहरा गया.  

          

चाइल्डलाइन टीम द्वारा न्यायालय बाल कल्याण समिति को मामले से अवगत कराते हुए न्यायालय का सहयोग लिया  और  खोजबीन करते हुए विद्यालय का पता भी लगा लिया। 


पता चला कि बच्ची कक्षा आठ तक पढ़ी है। तत्काल खण्ड शिक्षा अधिकारी से वार्ता कर तुरंत शैक्षणिक प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने के लिए कहा गया. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने भी टीम का सहयोग करते हुए 02 घंटे के अन्दर बालिका की टी. सी. बाल न्यायालय के समक्ष उपलब्ध कराया गया जिसके अनुसार बालिका 16 वर्ष की पाई गई।

     

बाल कल्याण समिति ने बालिका के सर्वोच्च हित को देखते हुए संबंधित थाने को तत्काल शादी रुकवाने के लिए आदेश जारी किया। 


इस दौरान  चाइल्डलाइन 1098 की टीम लगातार फालोअप कराती रही जिसकी  सक्रियता से एक बालिका को बाल वधू बनने से बचाया गया। 


इस पूरे घटना क्रम में जिला बाल संरक्षण इकाई व जिला प्रोबेशन अधिकारी का भी भरपूर सहयोग मिला.

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