श्याम त्रिपाठी
नवाबगंज गोंडा: शिक्षिका अपहरण कांड में 16 दिन बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग सका।
पीड़ित पिता परिजनों के साथ मुख्यमंत्री के अयोध्या दौरे पर मिलने गया था। लेकिन किन्ही कारणों बस मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी।
तेरह दिनों तक पुलिस अंधेरे में हाथ-पांव मारती रही। शिक्षिका की बरामदगी न होने पर मामला एसओजी को सौंपा गया था। 3 दिन बीत गए एसओजी भी अंधेरे में तीर चला रही है।
जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र में एक प्राइवेट विद्यालय में पढ़ा रही शिक्षिका का घर से स्कूल पढ़ाने के लिए जाते समय ई रिक्शा के सामने काली रंग की स्कार्पियो गाड़ी लगा कर दिनदहाड़े जिम संचालक प्रशांत ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे जबरन गाड़ी पर खींच कर बैठा लिया।
ई रिक्शा पर उसके साथ बैठे विद्यालय के अन्य स्टाफ जब तक कुछ समझ पाते तब तक वह गाड़ी लेकर फरार हो गया।
अपहरण कांड के 16 दिन बाद भी पुलिस अपहर्ता शिक्षिका का कोई सुराग नहीं लगा सकी। परिजनों को अब किसी अनहोनी की चिंता सताने लगी है।
मामले में 13 दिनों तक जब स्थानीय पुलिस अपहरण कांड के दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही थी।
लेकिन शिक्षिका का कोई सुराग नहीं लगा सकी। एसपी ने शिक्षिका की बरामदगी के लिए एसओजी को लगाया था। परंतु 3 दिन हो गए एसओजी टीम भी किसी नतीजे पर अभी तक नहीं पहुंची है।
बीते 16 जुलाई की सुबह अपने घर से बच्चों तथा कुछ अन्य के साथ ई-रिक्शा से विद्यालय पढ़ाने जा रही थी। घर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर तुलसीपुर माझा निवासी प्रशांत काली स्कॉर्पियो लेकर पहुंचा और ई रिक्शा से उसे खींचकर जबरन बैठा कर फरार हो गया।
वह रोती चिल्लाती रही सुबह की घटना होने के कारण उस समय दुकानें भी बंद थी जिससे उसके बचाव में भी कोई नहीं आया और वह गाड़ी लेकर फैजाबाद की तरफ चला गया।
उसने कहा कि 16 दिन बाद भी उसकी बिटिया का कोई पता नहीं चल सका एक प्रश्न के जवाब में उसने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने अयोध्या गए थे। लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
उसे आशंका है कि जिम संचालक प्रशांत सिंह कहीं उसके बेटी की हत्या ना कर दे। उसने बताया कि उसकी बेटी भी कभी-कभी जिम जाती थी।
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