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घाघरा में थमा कटान , खतरा बरकरार , नदी में बह रहा डेढ़ लाख क्यूसेक पानी



बाढ़ खंड के द्वारा हो रहे बचाव कार्य का निरीक्षण करते हुए एसडीएम ने तेजी लाने के दिये निर्देश

आयुष मौर्य 

धौरहरा खीरी ।धौरहरा तहसील क्षेत्र के ईसानगर के मिर्जापुर गांव में जबकि रमियाबेहड़ क्षेत्र के लालापुरवा व गोड़ियाना में घाघरा नदी द्वारा तेजी से किया जा रहा कटान थम गया है।


घाघरा नदी किसानों की कृषि योग्य जमीन को निगलने के साथ साथ दर्जनों घर काटकर आगे बढ़ रही थी। 


मिर्जापुर गांव में घाघरा नदी के किनारे पर बसे कई ग्रामवासियों की जमीन भी सरयू नदी में समाहित हो चुकी है।


इधर जल्द हुए कटान में गांव के करीब 12 किसानों की जमीन नदी में शमा चुकी है। 


मिर्जापुर के रहने वाले पटवारी,जगसेन,सूबेदार की आठ बीघा , रियाजुद्दीन , इरसाद ,अशफाक , उस्मान , इरफ़ान की दो दो बीघा, उदय,कैलाश,शिवराज,दिनेश ओर वीरेंद्र की करीब 8 बीघा समेत कमलेश व नंदकिशोर की करीब दो दो बीघा जमीन नदी में समाहित हो चुकी है। 


इसके साथ साथ गांव में रहने वाले पैरु, लल्ला जगदीश अशोक,फारुख आदि के घर नदी की जद में है। जिसको लेकर पूरे गांव में अफ़रातफ़री का माहौल बना हुआ है। 


इस दौरान जिनके भी घर नदी के जद में आने लगते है वह स्वयं घरों को किसी तरह से तोड़कर इधर उधर गुजर बसर करने के लिए व्यवस्था करने में जुटा हुआ है।


 गुरुवार को घाघरा नदी ने कटान करना बन्द कर दिया है जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है ।नदी में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी होने के चलते अभी भी नदी किनारे बसे गांवों पर खतरा बरकरार है ।


एसडीएम गांवों का भ्रमण कर दिए बचाव कार्य मे तेजी लाने के दिये निर्देश


एसडीएम ने तहसील क्षेत्र के कटान प्रभावित गांव मिर्जापुर , मल्लापुर , मिलिक मजरा सन्तराम पुरवा , जमदरी , रामनगर बगहा , गोड़ियाना , लालपुरवा मजरा सुजानपुर आदि गांवों में बाढ़ खण्ड के अधिकारियों के साथ जाकर कटान का जायजा लिया । 


बाढ़ खण्ड द्वारा करवाए जा रहे कार्यों का निरीक्षण कर बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए । ग्रामीणों से बात करते हुए बाढ़ व कटान के खतरे को लेकर लोगों को सतर्क रहने को कहा है। 


साथ ही लोगों से किसी भी आपात स्थिति होने पर पुलिस व प्रशासन को अवगत कराने को कह एनडीआरएफ मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की बात कही है। 


" धौरहरा तहसील क्षेत्र में हो रहा कटान थमा है बाढ़ खण्ड द्वारा बचाव कार्य करवाए जा रहे हैं । अभी भी घाघरा नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक पानी बह रहा है जिसके चलते कटान का खतरा बरकरार है। ग्रामीणों को नदी के किनारे को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है ।किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तहसील प्रशासन तैयार है ।"

धीरेंद्र सिंह एसडीएम धौरहरा ।



" पूर्व में बनाई गई परियोजनाओं की देखरेख के साथ ही कटान को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं । घाघरा में कटान थमा है फिर भी बचाव कार्यों को तेजी से किया जा रहा है ।" 

बीडी गौतम एई बाढ़ खण्ड शारदा नगर

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