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कोरोना महामारी की दूसरी लहर मे मोदी सरकार की लापरवाही पर जेपीसी रिर्पोट ने उजागर किया झूठ का चिटठा:प्रमोद तिवारी



पूंजीनिवेश मे कमी से मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ने पर रक्षा मंत्री के बयान पर राज्यसभा सदस्य की तगड़ी घेराबंदी

गौरव तिवारी 

लालगंज प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कोरोना महामारी के दौरान केन्द्रीय सरकारी तंत्र की विफलताओं को लेकर केन्द्रीय संसदीय समिति की रिर्पोट को देश के लिए सरकारी क्षेत्र में लापरवाही को लेकर बेहद चिंताजनक कहा है। 


श्री तिवारी ने केन्द्रीय संसदीय समिति द्वारा रिर्पोट का हवाला देते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण खुलासा होना कि कोरोनाकाल मे केंद्र सरकार न तो हालात की गंभीरता समझ सकी और न ही अस्पतालो मे आक्सीजन और बेड की कमी के साथ दवाएं उपलब्ध करा सकी, 


बकौल कांग्रेस सांसद लापरवाही से कोरोना से हुई मौतें मोदी सरकार की झूठ और असफलता का कच्चा चिटठा बयां कर गयी है। 


प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसदीय समिति ने वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी लहर में सरकार के द्वारा कोरोना की महामारी के चलते मौतों को सरकार के द्वारा छिपाये जाने के उजागर हुए तथ्य को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। 


गुरूवार को रामपुर खास के दो दिवसीय दौरे के तहत रामपुर संग्रामगढ़ ब्लाक में कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस रिर्पोट से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस तथा वह स्वयं जो शंका व्यक्त कर रहे थे कि समय रहते मोदी सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए गए होते तो ढेर सारी जानें बचायी जा सकती थी। 


श्री तिवारी ने सरकार से कहा है कि संसदीय समिति मे सत्तारूढ़ दल के बहुमत के साथ हर दल के प्रतिनिधि होते है। ऐसे में सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इस समिति के दिए गए निर्देशों का अविलम्ब क्रियान्वयन शुरू कराए। 


उन्होने जेपीसी रिर्पोट के आधार पर केंद्र सरकार से कहा है कि वह आक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आडिट कराए तथा सरकारी एजेन्सियों की भी उस दौरान हुई लापरवाही पर जबाबदेही तय करे। 


सांसद प्रमोद तिवारी ने कोरोना महामारी को लेकर सरकार से सभी राज्यो के साथ मिलकर दस्तावेजीकरण कराते हुए मौतों की सघन जांच के आधार पर निराश्रित परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने पर भी जोर दिया है। 


वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भारत के लोगों पर कम निवेश किये जाने के बयान को भी आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार की विश्वसनीयता को चुनौतीपूर्ण ठहराया है। 


उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री स्वयं विदेशी निवेशक की बातचीत का हवाला दे रही है और स्वदेशी लोगों पर रूचि नही दिखाने का भी तथ्य सामने ला रही है, वहीं दूसरी ओर पूंजी निवेश मे भारी कमी के आंकडे का हवाला देते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि इससे बेरोजगारी व मंहगाई तो बढेगी ही जीडीपी की दर और गिरेगी। 


यूपी में सरकार के मंत्रियो द्वारा विभागो मे सुनवाई न होने का जिक्र करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार के पांचवे कृषि एवं विपणन मंत्री का इस संदर्भ में आया बयान यह साबित करता है कि प्रदेश में मंत्रियों का अपने विभागों पर कोई नियंत्रण नही रह गया है। 


उन्होने लखीमपुर के निघासन में दलित बेटियों की जघन्य हत्या पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में अफसरशाही बेलगाम हो गयी है और लूट तथा भ्रष्टाचार के चरम पर रहने की स्थिति मे कानून और व्यवस्था की स्थिति भी बेहद दयनीय हो गयी है। 


इस दौरान प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, केडी मिश्र, संतोष द्विवेदी, सुरेंद्र सिंह ददन, सांगीपुर प्रमुख अशोक सिंह बब्लू भी मौजूद रहे।

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