राकेश गिरी
बस्ती। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी का जन्मदिन आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया गया। कटेश्वरपार्क स्थित पार्टी दफ्तर पर आयोजित कार्यक्रम पर कांग्रेसजनों ने स्व. राजीव गांधी के जीवन वृत्त पर विस्तार से प्रकाश डाला। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र प्रताप पांण्डेय ने कहा कि राजीव गांधी युग दृष्टा थे। उन्होने 21वीं सदी के भारत की जो परिकलपना की थी अधूरी रह गयी। क्रूर हाथों ने उन्हे हमसे समय से पहले ही छीन लिया। आज वे हमारे बीच नही हैं लेकिन उनकी दूरदृष्टि का लाभ इस देश को सदियों तक मिलता रहेगा। उन्होने कहा 31 अक्तूबर, 1984 के दिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के बाद उन्होंने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 21 मई, 1991 को मद्रास से 50 किमी. दूर स्थित श्री पेरुंबुदुर में एक चुनाव सभा में लोगों से फूलों का हार लेते समय एक भयंकर आत्मघाती बम विस्फोट का शिकार हो गये।
पूर्व विधायक अम्बिका सिंह एवं रामजियावन ने कहा राजीव जी की हत्या के बाद तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे भारत की प्रगति रोक दी गयी। उनकी निर्मम हत्या आतंक की पराकाष्ठा थी। उनके जैसे व्यक्तित्व के लोग बिरले ही होते हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रेमशंकर द्विवेदी ने राजीव गांधी ने 21वीं सदी के भारत के नींव रखी थी। उनके द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पंचायती राज व्यवस्था, 18 वर्ष के लोगों को मताधिकार दिलाने तथा दूरसंचार क्रांति के लिये किये गये प्रयास हमेशा भारतीय लोकतंत्र में याद किये जायेंगे। उन्होने कहा 1981 में राजीव गांधी ने अमेठी में संसद सदस्य का चुनाव जीता और सन 1983 वे काँग्रेस पार्टी के महासचिव नियुक्त हुये।
इस सुनियोजित षडयंत्र ने देश की राजनीती से एक युवा युग और आकांक्षा का हमेशा के लिए अंत कर दिया जिसने भारतीय ही नहीं पूरे विश्व जनमानस को भीतर तक झकझोर कर रख दिया। डा. आरजी सिंह, जलालुदद्ीन कुरेशी, प्रकाश चन्द्र गुप्ता, बाबूराम सिंह, वीएच रिजवी, ज्ञानेन्द्र पांडे, मानिकराम मिश्रा, विपिन राय, कौशल त्रिपाठी, रमेश सिंह, सोमनाथ पांडे, नर्वदेश्वर शुक्ला, शिवशंकर, भूमिधर गुप्ता, हाजी अब्दुल वहाब, पृथ्वीपाल चौधरी, गिरजेश पाल, सुरेन्द्र मिश्रा, डा. वाहीद सिद्धीकी, कुंवर जितेन्द्र सिंह, विवेक श्रीवास्तव, जयप्रकाश अग्रहरि, ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। अनिल भारती गंगा मिश्रा, गायत्री गुप्ता, अजमतुल्ला, जुम्मन अली, रामधीरज चौधरी, शिवशंकर चंचल, अलीम अख्तर, योगेंन्द्र शुक्ला, भवानी प्रसाद यादव, जय प्रकाश चोबे, शकुन्तला देवी, गायत्री गुप्ता, नफीस अहमद, अवनीश त्रिपाठी बच्चूलाल गुप्ता आदि उपस्थित थे।


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