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आवास आवंटन में हुवे घोटाले अब हो रहे उजागर,दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नही कर पा रहा प्रशासन


डीएम ने पीड़ित ग्रामीणों की शिकायत पर बीडीओ को दिया आदेश


बहराइच। मौजूदा केंद्र सरकार व पूर्व की राज्य सरकारों द्वारा जनपद के गरीब असहाय लोगो के आवंटित होने आये आवासों को लेकर जिले के कई ब्लॉकों से चौकाने वाले खुलासे होने बन्द होने का नाम नही ले रहे है। भृष्ट अधिकारी की मिलीभगत कहे या भ्र्ष्टाचार में लिप्त वो जिम्मेदार जिन्होंने अपात्रों को आवास आवंटित कर तैयार की मोटी व गाढ़ी कमाई जिससे पत्रों की गरीबी एक बार फिर कष्टकारी हो गयी है और अब वो इधर-उधर जीवन गुज़र-बशर कर अपने साथ हुवे इस अन्याय का अधिकारियों से शिकायत करते नज़र आ रहे है।
जिले में अब तक का सबसे बड़ा आवास घोटाला शिवपुर ब्लॉक अंतर्गत देखने को मिला जिसमे ब्लॉक के अधिकारी मंसाराम यादव ने लोहिया आवास व इंदिरा आवास में करोड़ों की हेरा फेरी कर अपनी गाढ़ी कमाई इकठ्ठा की,ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा अभिलेखों की हेराफेरी कर बैंक कर्मियों की मदद से आवास के पैसे का बन्दरबांट किया।इस मामले की जानकारी जब जिलाधिकारी अजयदीप सिंह को हुई तो इस प्रकरण को ले कर त्रिस्तरीय कमेटी गठित कर मामले की हकीकत को जानने का प्रयास किया गया। दोषी पाये गये सेक्रेटरी मंशाराम यादव की धाक इतनी बुलन्द देखी गयी कि उस कमेटी द्वारा की गई जांच के बाद भी आज तक सेक्रेटरी पर कोई कार्यवाही नही हो सकी।
वहीं दूसरी ओर  तेजवापुर विकास खंड के ग्राम पंचायत बेहटा भया में एक ओर बड़ा मामला प्रकाश में आया जिसमे, 110 अपात्रों को आवास का आवंटन कर दिया गया। इसमें ग्राम प्रधान ने भी अपने पुत्र को आवास आवंटित किया, एक मृतक के नाम आवास आवंटित कर चेक भी काट दिया।जब ग्रामीणों द्वारा मामले को आलाधिकारियों तक ले जाया गया तब डीएम द्वारा कराई गई जांच में बीडीओ द्वारा पूरे मामले की जांच की गई, तब मामले की पुष्टि हुई।बीडियो की जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी गई जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुवा व  हड़कंप मच गया। ग्राम पंचायत प्रशासन के जिम्मेदारों के साथ आवास आवंटन में संलिप्त अधिकारी अपने बचाव में जुट गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र और अपात्रों को आवास आवंटन को लेकर आए दिन उंगलियां उठती हैं। इसी बीच एक नया घोटाला खुटेहना ग्राम कोड़रीताल ल सामने आया जहाँ पात्रों के बजाए अपात्रों को आवास दे दिया गया। जबकि पात्र आवास के लिए भटक रहे हैं। पीड़ितों ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है। साथ ही जांच कराकर संलिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी ने बीडीओ पयागपुर से जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
पयागपुर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत कोड़रीताल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60 ग्रामीणों को आवास प्रदान किया जाना है। लेकिन यह आवास पात्रों को न देकर अपात्राें को दे दिया गया है। गांव निवासी पूर्व कोयला देवी ने जिलाधिकारी को सौंपे गए शिकायती प्रार्थना पत्र में कहा है कि वर्ष 1995 में जिन 60 लोगों को इंदिरा आवास दिया गया था। अब उन्ही में से अधिकतर लोगों को प्रधानमंत्री आवास दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि झब्बू, प्रदीप, अनीता देवी, रंगीले, सैफू, जमील समेत 40 से अधिक पात्रों को नाम सूची से काटा गया है। परेशान सभी ग्रामीणों ने जिलाधिकारी अजयदीप सिंह को पत्र सौंपकर ग्राम प्रधान व अन्य अधिकारियों पर आवास वितरण में धांधली करने का आरोप लगाया है। सभी ने कार्रवाई न होने पर अनशन की चेतावनी दी है। वहीं कोड़रीताल की ग्राम प्रधान निर्मला देवी का कहना है कि प्रशासन की ओर से गांव के गरीबों की जो सूची मुहैया कराई गई थी। उसके आधार पर आवास का आवंटन किया गया है। जो लोग छूट गए हैं। वह पात्र जरूर हैं, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं है। नई सूची मिलने पर आवास आवंटित होते ही अन्य पात्रों को भी आवास मुहैया कराया जाएगा।

क्या कहते है?
अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास दिया तो होगी विभागीय व कानूनी कार्रवाई- आयुक्त
बहराइच। मण्डलीय समीक्षा कर रहे आयुक्त एस वी एस रंगाराव ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री आवास में लगातार अनियमितता बरते जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।अपात्रों का चयन कर अनुचित लाभ देने का मामला उनके संज्ञान में अगर आया तो सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी व विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ वसूली भी करायी जायेगी।(मण्डलायुक्त एस.वी.एस. रंगाराव )

वहीं जिले में एक के बाद एक हो रहे आवास आवंटन घोटाले मे कुछ हाथ सत्तापक्षीये नेताओ का भी नज़र आ रहा जिसके कारण घोटाला कर गाढ़ी कमाई करने वाले शख्स ऐसे नेताओं की शरण मे जा कर बचते नज़र है। आलाधिकारी जाँच तो कराते है साक्ष्य भी जुटाते है लेकिन सत्ता पक्ष की ताकत के आगे मजबूरन कोई कार्यवाही को अंजाम नही दे पाते।

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