राकेश गिरी
बस्ती : आशा कार्यकत्रियों का आयुक्त कार्यालय के गेट पर चल रहा दो दिवसीय अपर आयुक्त द्वारा ज्ञापन लिये जाने के बाद समाप्त हो गया। अपर आयुक्त ने ज्ञापन को शासन को भेजने का आश्वासन दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय गृहमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन में आशाओं ने मांगो को पूरा करने के लिये सरकार को 90 दिन का समय दिया है। इसके बावजूद भी यदि उन्हे राज्य कर्मचारी बनाये जाने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया तो आरपार का संघर्ष होगा।
इससे पूर्व आशा बहू स्वास्थ्य समिति उत्तर प्रदेश की मंडल अध्यक्ष विमला यादव धरनारत आशाओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि हम आशा कार्यकत्रियों का भावनात्मक तरीके से इस्तेमाल किया गया है। ऐन चुनाव के वक्त सत्ता हासिल करने के लिये आशाओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिये जाने का सब्जबाग दिखाया गया, आशाओं ने भाजपा के पक्ष में न केवल जमकर मतदान किया बल्कि सगे सम्बन्धियों को भी इसके लिये प्रेरित किया। भाजपा सत्ता में तो आ गई किन्तु पूर्व में किया गया वादा भुला दिया। विमला यादव ने यह भी कहा कि 90 दिनों में सरकार ने इस संदर्भ में फैसला नहीं किया तो अगल आन्दोलन वृहद होगा और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में पहुचकर आशा कार्यकत्रियां उन्हे चूड़ियां भेंट करेंगी।
जिलाध्यक्ष प्रीती उपाध्याय ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने अपना वादा पूरा किया होता तो आन्दोलन की नौबत ही नहीं आती। इससे कामकाज प्रभावित हो रहे हैं साथ ही सरकार की छबि भी बिगड़ रही है। उन्होने दो दिन के धरने में आशाओं से मिले सहयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि ये एकजुटता आगे भी बनी रही तो निःसंदेह उनका हक मिलकर रहेगा। धरने को जिलाध्यक्ष प्रीती उपाध्याय, अन्नपूर्णा दुबे, कनकलता मिश्रा, उर्मिला चौधरी, नीलम वर्मा, अर्चना पाल, इन्दुमती पांडे, इन्द्रावती चौधरी, अनामिका शुक्ला, जानकी पांडे, सुशीला यादव, संगीता यादव, शीला देवी, संगीता देवी, नीलम शुक्ला, रूपा देवी, कुसुमलता त्रिपाठी, शैलेन्द्री श्रीवास्तव, इन्द्रावती त्रिपाठी, चित्रकला सिंह, अखिलेश देवी, संतकबीरनगर की जिलाध्यक्ष सरोज यादव, मीरा देवी, उदय प्रताप शुक्ला, फूलचंद चौधरी, जगराम यादव आदि ने धरने को सम्बोेधत किया।
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