राकेश गिरी
बस्ती । 10 हजार रूपया मानदेय निश्चित किये जाने के विरोध में शिक्षा मित्रों का आन्दोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को शिक्षा मित्र बीएसए कार्यालय पर एकत्र हुये और सभा के बाद अपर सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह की शव यात्रा निकाली। कम्पनी बाग चौराहे पर शिक्षा मित्रों ने प्रदेश सरकार का पुतला भी फूंका। मांग किया कि उनकी समस्याओं का त्वरित निदान किया जाय। आदर्श समायोजित शिक्षक, शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष आनन्द दूबे और प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ अध्यक्ष राम विलास चौधरी के नेतृत्व में शिक्षा मित्र पूर्व की भांति शिक्षक बनाये जाने की मांग कर रहे थे। तपती धूप में शिक्षा मित्र जब आगे बढे तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। राम नाम सत्य का है की गूंज के साथ शिक्षा मित्र कम्पनी बाग पहुंचे जहां सरकार के पुतले पर अपना गुस्सा उतारा।
शुक्रवार को बीएसए कार्यालय पर शिक्षा मित्रों ने बीएसए सत्येन्द्र कुमार सिंह का घेराव कर उनसे सहयोग की मांग किया। प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष संतोष भट्ट, वीरेंद्र शुक्ल, मुक्तेश्वर यादव, रजनीश मिश्र, राजेश कुमार, गिरजेश दूबे, सुनील तिवारी, राम पराग चौधरी, श्रीकांत मिश्र, राघवेंद्र उपाध्याय, संतोष शुक्ल, रत्नेश चौधरी, मनोज शुक्ल, ईश्वरदेव शुक्ल, शिव कुमार चौधरी, नवल किशोर वर्मा, मजहर अब्बास, शिवनाथ वर्मा, अभिषेक सिंह, नीतू श्रीवास्तव, आदि ने सभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों के धैर्य की परीक्षा न ले। उनका समायोजन सुनिश्चित कराया जाय। 10 हजार रूपये का मानदेय किसी भी स्थिति में स्वीकार नही है।
सभा, घेराव और शव यात्रा एवं प्रदेश सरकार का पुतला फूंकने वालों में शेर बहादुर सिंह, पवन तिवारी, सुनील तिवारी, रफीक अहमद, संजीव वर्मा, ऋषिकांत तिवारी, किशन सिंह, पवन शुक्ल, विजय बहादुर यादव, पंकज मिश्र, राधेश्याम, संतोष, बच्चूलाल शर्मा, शैलेंद्र मिश्र, कृष्ण कुमार तिवारी, इंद्रदेव चौधरी, धर्मेन्द्र पाठक, सच्चिदानंद त्रिपाठी, घनश्याम, विश्वम्भर नाथ दूबे, प्रदीप चौहान, मिथिलेश, रंजना, शीला, प्रभावती, राजकुमार वर्मा, प्रवीण सिंह, रामप्रकाश, बाल गोपाल, पंकज मिश्र, सुमन वर्मा, रजनी चौधरी, कमलावती, नीलम, जयंती यादव, शिखा मिश्रा, पूनम सिंह, नंदिनी मौर्य, अर्चना यादव, विजय लक्ष्मी, संजू,संदीप सिंह,अर्चना, विनीता उपाध्याय, पूनम सिंह, अर्चना यादव के साथ ही हजारों शिक्षा मित्र उपस्थित रहे
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