राकेश गिरी
बस्ती। अन्तर्राष्ट्रीय बधिर दिवस पर शिक्षित युवा सेवा समिति द्वारा बधिरजनों के सम्बन्ध में समावेश को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन केन्द्र पर किया जिसमें तमाम बधिर युवाओ के साथ उनके लिए कार्य करने वाले शिक्षको एवं सांकेतिक भाषा का ज्ञान रखने वाले विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए संस्था के निदेशक गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने सर्व प्रथम भारत सरकार को दिव्यांगजन अधिकार नियम 2016 लागू करने के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए। सभी उपस्थितजनों को अवगत कराया कि अब सांकेतिक भाषा बधिरजनों के शिक्षण एवं पुनर्वास के लिए कानूनी रूप से एक शसक्त रूप ले चुकी है एवं इसको सामाज में समायोजन लिए सांकेतिक भाषा का ज्ञान बधिरजनों के साथ-2 सामान्य लोगों को भी कराना अति आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होने जनपद के तमाम व्याक्तियों एवं उद्योगों के लिए व्यक्तियों का आवहन किया कि वे अपने कार्यो में ऐसे बधिर युवाओ जो कि प्रशिक्षित भी है का सहयोग ले एवं कार्य में समायोजित करने की पहल करे, जिससे कि उनका आर्थिक पुनर्वास हो सके।
उन्होनें बताया कि बस्ती में 50 से अधिक बधिर युवा अपनी हाईस्कूल अथवा इन्टर की शिक्षा पूर्ण कर चुके है। इनमे से कइयों को तत्काल रोजगार की आवश्यकता है जिस पर लोगों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। संस्था की पहल पर पाण्डेय बाजार स्थित एक व्यावसायिक क्रिया कलाप में एक बधिर युवा मो0वाहिद को कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है जिसे आगे भी जारी रखा जाय।
इस अवसर पर बधिर बच्चों की विशेष शिक्षिका श्रीमती पूनम सिंह, श्रीमती अनुसुइया देवी, जितेन्द्र श्रीवास्तव, राजकिशेार शुक्ल, कमलेश कुमार, राकेश कुमार, के साथ ही बधिर युवा आनन्द सिंह, सीमा गुप्ता, हरिभजन, जसवन्त सुरज, कविता आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। गोष्ठी में बधिर बच्चों के अभिभावकों के अतिरिक्त शिक्षित युवा सेवा समिति के विशेष शिक्षको सहित तमाम प्रशिणार्थी विशेष शिक्षकों ने भी प्रतिभाग किया जिनमें विनोद कुमार उपाध्याय, नागंेन्द्र पाण्डेय आदि प्रमुख थे।


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