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कौशांबी:शिक्षामित्रों को पांच बजे के बाद प्रशासन ने पांच सदस्यों को दी मिलने की अनुमति



कौशांबी : शिक्षामित्र प्रदेश सरकार पर अपने हित की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बेसिक शिक्षा कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को भी शिक्षामित्रों को धरना जारी रहा। जिले के प्रभारी मंत्री के ओसा मंडी में आने की जानकारी होने पर शिक्षामित्र उनसे मिलने के लिए जाने लगे। इसकी जानकार प्रशासन को हुई तो उनके हाथ पांव फूल गए। भारी संख्या में शिक्षामित्रों के मंडी आने पर अव्यवस्था फैल जाती। इसको लेकर पुलिस ने आनन-फानन मोर्चा संभाल लिया। डायट मैदान गेट से शिक्षामित्र बाहर निकलते इससे पहले की उनको पुलिस ने रोक लिया। शाम पांच बजे तक शिक्षामित्रों को पुलिस ने बंधक बनाए रखा। इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों को लेकर वही सभा की। 
    हाथ में तिरंगा व मन में स्थाई नौकरी की आस लिए शिक्षामित्र दो तीन दिनों से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। शुक्रवार को जिले के प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के जिले में होने व किसानों को ऋण माफी का पत्र देने ओसा मंडी में दिए जाने की जानकारी उनको हुई तो वह वहां के लिए चल पड़े। वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने आनन-फानन इसकी जानकारी अधिकारियों को। यह सूचना मिलते ही अधिकारियों ने कोतवाली पुलिस के साथ ही अन्य थाने की फोर्स को वहां भेज दिया। शिक्षामित्र डायट गेट से बाहर निकल पाते। इससे पहले की पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस ने शिक्षामित्रों को गेट से बाहर निकलने से रोक दिया। इस बात को लेकर शिक्षामित्रों व पुलिस के बीच नोक झोक भी हुई। पुलिस के दबाव के कारण शिक्षामित्र सड़क पर ही बैठ गए। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष सोम प्रकाश मिश्र ने कहा कि शिक्षामित्रों के हित को लेकर प्रदेश सरकार कोई फैसला नहीं कर रही। कोर्ट के आदेश के बाद समायोजन रद्द हो गया है। जिसपर शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार से उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने भी उनके साथ वादा खिलाफी शुरू कर दी है। पुलिस के दम पर अब उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिलाध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने कहा कि सरकार ने उनके दस हजार मानदेय देने का प्रस्ताव पारित किया है। जबकि कोई भी शिक्षामित्र बीटीसी डीग्री से कम की योग्यता नहीं रखा। सरकार ने समान कार्य के लिए समान वेतन व न्यूनतम मजदूरी नियम को पालन प्रस्ताव को पारित करने में नहीं किया। जिसका शिक्षामित्र विरोध कर रहे। इस मौके पर नथनलाल, विद्याचरण शुक्ल, इरशाद अहमद, मो. इरफान, शिवशंकर यादव, देवनाथ, सुरेश कुमार, धनराज ओझा, सुचित्रा विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे। 

शिक्षामित्र तो हाई स्कूल पास है सुन हैरान हुए लोग 
 शिक्षामित्रों के विरोध को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने शाम पांच बजे थोड़ी नर्मी दिखाई। प्रशासन की ओर से पांच शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधि मंडल को प्रभारी मंत्री से मिलने की अनुमति दी। जैसे ही शिक्षामित्र प्रतिनिधि मंडल में शामिल रत्नाकर सिंह, सोम प्रकाश मिश्रा, उदय सिंह, विद्याचारण शुक्ल, व बीरेंद्र केसरवानी प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के पास पहुंचे। उसी दौरान उनको देखकर प्रभारी मंत्री ने कहा कि आइए-आइए आप ही है हाई स्कूल पास शिक्षामित्र मंत्री की बात सुनकर सब हैरान हो गए। इसके बाद उन्होंने बताया कि जिले में कोई भी शिक्षामित्र ऐसा नहीं है जिसकी योग्यता बीटीसी से कम हो। इसको लेकर सरकार को गलत फहमी है। जिसके कारण वह उनके पक्ष को मजबूरी से नहीं रख रही। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन प्रभारी मंत्री को सौंपते हुए सरकार से शिक्षामित्रों के संबंध में उचित फैसला लेने की मांग की। जिससे उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट न खड़ा हो।

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