गोण्डा के पत्रकार वृजनंदन तिवारी की हत्या पर भी संगठनों में उबाल
ए.आर.उस्मानी
गोण्डा। बेंगलुरू की नामचीन पत्रकार गौरी लंकेश तथा गोण्डा के युवा पत्रकार वृजनंदन तिवारी उर्फ मन्टू की बहराइच में की गयी निर्मम हत्या के विरोध में आज शाम पाँच बजे गांधी पार्क स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष एक सभा का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न संगठनों के लोगों ने शिरकत की तथा पत्रकारों की हत्याओं पर अपने गम और गुस्से का इजहार किया।
गोण्डा विकास मंच ने इस सभा में बिना बैनर झंडे के सभी वर्गों और संगठनों से आने की अपील की थी। इस अपील पर अवध छात्र संगठन, एनएसयूआई जैसे युवा संगठनों ने बेहद संवेदनशील मुद्दे पर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। मंच के संयोजक सादिक़ ज़फ़र ने गौरी लंकेश के क़लम से लिखी जाने वाली बेबाक आवाज़ को प्रेरणास्रोत मानते हुए सभा का संचालन किया। कौशलेन्द्र पांडेय ने कहा कि गौरी लंकेश ने निर्भीकता और बेबाकी से पत्रकारिता की, जिससे सत्ता के गलियारों में बैठे लोग भी उनसे सहमे रहते थे। उन्होंने उनकी निष्पक्ष पत्रकारिता का उल्लेख करते हुए संवैधानिक मूल्यों पर नौजवानों से चर्चा की।
कामरेड दिलीप शुक्ला ने स्थानीय स्तर पर गौरी जैसी पत्रकारिता करने वालों के महत्व का वर्णन किया। अवध छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह ने इस पहल का खुलकर समर्थन किया तथा अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के अभिषेक व एनएसयूआई के विपनेश ने गोंडा के नौजवान पत्रकार मंटू तिवारी को नम आँखों से याद किया और उनके लेख को भी बेख़ौफ़ और निडर पत्रकारिता से जोड़ा।
अंत में मंच के मार्गदर्शक वरिष्ठ पत्रकार/ साहित्यकार एसपी मिश्रा गुरुजी ने नौजवानों को अतीत के पन्नों को पलटते हुए भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया तथा बेख़ौफ़ और निडर होकर वक़्त की क्रूर शक्तियों के सामने सच्चाई को मज़बूती से रखने की प्रेरणा भी दी।
सभा का समापन गौरी लंकेश व मंटू तिवारी की आत्मा की शांति के लिए हुए दो मिनट के मौन से हुआ। इस मौक़े पर अली, दिव्य प्रकाश, अजय, आदेश, अजीत, जगदीप, रवि, जयमंत, महेश आदि मौजूद रहे।
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