मो.दानिश
सुलतानपुर। स्मैक कारोबार मे लगातार लिप्त रहने के चलते एडीजे प्रथम की अदालत ने आरोपी की क्रिमिनल हिस्ट्री को दृष्टिगत रखते हुए समाजहित में उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। वहीं प्रभारी जिला न्यायाधीश ने प्राण घातक हमले के आरोपियों की भी अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
पहला मामला
जगदीशपुर थाना क्षेत्र के करीडीह जलालपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले जंगबहादुर व उसकी पत्नी को पुलिस ने बीते 17 जुलाई को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। इसी मामले में आरोपी जंग बहादुर की तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सुनवाई चली। इस दौरान बचाव पक्ष ने आरोपो को निराधार बताया। वहीं शासकीय अधिवक्ता गोरखनाथ शुक्ल ने तर्क पेश किया कि जंग बहादुर के खिलाफ 13 मुकदमों की क्रिमिनल हिस्ट्री है। जिसमें से करीब आधा दर्जन मुकदमें नशा कारोबार से जुड़े हुए है। एडीजे प्रथम श्यामजीत यादव ने आरोपी की लगातार नशा कारोबार में संलिप्तता के चलते उसे समाजहित में जमानत पर रिहा किया जाना उचित नही समझा और उसके अपराध के क्रम को दृष्टिगत रखते हुए उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
दूसरा मामला
लम्भुआ थाना क्षेत्र के मदनपुर पनियार गांव का है। जहां के रहने वाले दुर्गा प्रसाद मिश्र ने 27 जून 2012 को आरोपियों के खिलाफ प्राणघातक हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में गांव निवासी आरोपी नरसिंह की तरफ से जिला न्यायाधीश की अदालत में प्रस्तुत अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई चली। जिसे प्रभारी जिला न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है।
तीसरा मामला
संग्रामपुर थाना क्षेत्र के सम्हरी मजरे गड़ेरी गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले तीरथराज शुक्ल ने 26 सितम्बर 2015 की घटना बताते हुए शोभानाथ, विपिन आदि के खिलाफ प्राणघातक हमले का मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में विपिन की तरफ से प्रस्तुत अंतरिम जमानत अर्जी को प्रभारी जिला न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है।
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