अलीम खान
अमेठी. नौकरशाही किस तरह सरकार और उसके पिछलग्गूओं के आगे नतमस्तक होती है उसका अंदाज़ा कांग्रेस उपाध्यक्ष के गुज़रे दौरे और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के होने वाले दौरे से लगाया जा सकता है। 7 दिन पहले दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जित किए जानें की आड़ लेकर जो प्रशासन राहुल गांधी के दौरे को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया न करा पानें की बात कहकर टालने को कह रहा था, अब वही प्रशासन सत्ताधारी दल के नेताओं के प्रोग्राम को लेकर बलिहारी दिख रहा है।
डीएम ने मातहतों के साथ किया कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण
अमेठी के कौहार सम्राट साइकिल के बगल प्रागंण में 10 अक्टूबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का एक दिनी दौरे होना है। जिसको लेकर डीएम योगेश कुमार, एसपी श्रीमती पूनम ने मातहतों के साथ
कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। डीएम ने मातहत अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर जिसे जो भी कार्य सौंपे गये हैं, वो कार्यक्रम के एक दिन पूर्व उसे पूरा कर लें।
कार्यक्रम स्थल पर इस तरह की है तैयारी
वहीं डीएम ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर हेलीपैड, पार्किंग, मंच, शौचालय, पीने का पानी , बिजली, चिकित्सा सहित समस्त व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिये। उन्होने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, अधि अभि. विद्युत, सूचना अधिकारी सहित समस्त अधिकरियो को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यक्रम स्थल पर समस्त व्यवस्थाएं चुस्त दुरस्त रखी जाय।
जिला प्रशासन ने दाैरा टालने की मांग की थी
राहुल के दौरे की तारीख तय होने के बाद जिला प्रशासन ने कांग्रेस से सिक्युरिटी का हवाला देकर इसे 5 अक्टूबर के बाद रखने को कहा था। प्रशासन का कहना था, जिन इलाकों में राहुल का दौरा है, वहां दशहरे के बाद भी देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन होता रहता है। ऐसे में, सिक्युरिटी देने में मुश्किल होगी।
दौरा टालने पर कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
राहुल का दौरा टालने की इस गुजारिश पर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे। पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा था, "अमेठी और रायबरेली राहुल गांधी का घर है, वे वहां जरूर जाएंगे। बीजेपी इस वक्त बुरे दौर से गुजर रही है। इसलिए मोदी और योगी राहुल गांधी को यूपी नहीं आने देना चाह रहे हैं।" सिंह ने आगे कहा, वे जानते हैं कि राहुल ईमानदार हैं और जनता की आवाज को जरूर उठाएंगे, इसलिए अमेठी जिला प्रशासन फोर्स की कमी का बहाना बना रहा है। बीजेपी नहीं चाहती है कि राहुल जनता की आवाज बनें। लेकिन उन्हें अपने घर आना है चाहे जिला प्रशासन अनुमति दे या ना दे।
स्वयं राहुल ने ट्वीट पर ऐसे ज़ाहिर की थी नाराज़गी
उधर प्रशासन के इस दोहरे चेहरे से स्वयं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी नाराज़ हुए थे, और अपनी इस नाराज़गी को उन्होंने ट्विटर पर जाहिर किया था। श्री गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार द्वारा ताजमहल को पर्यटन सूची से हटाए जाने को निशाना बनाते हुए मंगलवार 3 अक्टूबर को दोपहर में दिल्ली में बैठकर क़रीब 2 बजकर 3 मिनट पर ट्वीट किया था। और इस ट्विट में उन्होंने योगी सरकार को लिखा था 'अंधेर नगरी चौपट राजा'




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