भांभर रेंज के बेलभरिया और रेहरा बीट मे काटे जा चुके है हजारों वेशकीमती शीशम ,सहगौन के पेड़
अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद मे हजारों हेक्टेयर भूमि पर वन छेत्र है । यहां का सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग सेंचुरी वन क्षेत्र घोषित है । यह वन क्षेत्र भारत नेपाल सीमा से लेकर पहाड़ की तलहटियों तक फैला हुआ है । जिनमे शीशम ,सहगौन ,शाखू , खैर जैसे प्रजातियों के वेशकीमती पेड़ बहुतायत मे पाये जाते है । परन्तु जंगल मे लगे इन वेशकीमती हरे पेड़ों का कटान दिन रात निरन्तर जारी रहा करता है । इन पेड़ो को काटने के लिए अपने भारत ही नही पड़ोसी देश नेपाल के वनमाफियाओ का एक बड़ा गठजोड़ सक्रिय रहता है जिनकी मिलीभगत यहाँ के वनकर्मियों से भी होती है । इसी मिलीभगत के चलते भारत नेपाल सीमा पर स्थित भांभर, बनकटवा , और बरहवा रेंज के इन जंगलों मे हरे पेड़ो का कटान अंधाधुंध जारी रहा करता है ।
जानकारी के अनुसार सेंचुरी छेत्र सोहेलवा में भांभर रेंज के रेहरा और बेलभरिया बीट का , तो यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील है और यह जंगल बिल्कुल नेपाल सीमा पर ही स्थित है । नेपाल भारत का मित्र देश है इसलिए एक दूसरे के यहां लोग बेरोकटोक आते जाते रहते है । बोली भाषा भी एक ही है इसलिए इनका भारतीय या नेपाली होने का पहचान करना भी बड़ा मुश्किल हो जाता है । इन सभी चीजों का फायदा उठाकर यह वनमाफियाओ का गठजोड़ भारतीय वनो को तहस नहस करते हुए रोज लाखों की काली कमाई करते नजर आ रहे है । इसी जंगल से सटे मजंगवा गांव के निवासी मोहम्मद यूनूस और अब्दुल रहमान ने बताया कि वनकर्मियों की मिलीभगत से रोज लाखो रूपये के हरे पेड़ काटे जा रहे है । वनविभाग से बार बार लिखित शिकायत देने के बावजूद कोई खास कार्यवाही नही होती । विभाग के लोग हमेशा हम ग्रामीणो के शिकायत को दरकिनार कर अपने मातहतों का बचाव ही करते रहते है जिसके कारण वनमाफिया बुलंद हौसलो के साथ निरन्तर अवैध कटान करते ही रहते है । और हम शिकायतकर्ताओ को उल्टे जानमाल की धमकी भी देते है । इस सम्बन्ध मे डीएफओ राजीव मिश्रा ने कहा कि इधर करीब 2 माह से अवैध कटान पर अंकुश लगा है जंगलों मे हम बराबर काम्बिंग करवा रहे है कई लोगों के ऊपर गैगेस्टर और गुंडा एक्ट जैसी बड़ी कार्यवाही की गयी है डीएम और एसपी से सहयोग लेकर इन्हे जेलो मे बंद कर अवैध कटान पर अंकुश लगाया जायेगा । कुछ इसी तरह की बात क्षेत्र के भाजपा विधायक शैलू सिंह ने भी कहा है । परन्तु यह लोग मात्र जुबानी जमा खर्च की बात कर रहै । धरातल पर ऐसी कोई कार्यवाही नजर नही आ रही है । जिसके कारण बड़े पैमाने पर हो रहे इस अवैध कटान पर अंकुश लगता नजर आ रहा हो ।अब भी लगातार जंगलों मे इन हरे वेशकीमती पेड़ो पर वनमाफियाओ के आरे चलते नजर आ रहे है इसलिए यह कहा जा सकता है कि इस अवैध कटान पर अंकुश लगाना मुश्किल ही नही नामुमकिन प्रतीत हो रहा है ।
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