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जानिये अपनी राशि अनुसार दीपावली पूजा विधि जिससे मिलती रहे वर्ष भर खुशहाली


दीपावली विशेष :दीपावली भारत में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध त्यौहार हैं । यह हिंदु धर्म का मुख्य पर्व है।
  • दीपावली का अपना अलग महत्व हैं, दीपावली खुशियों का त्यौहार हैं। दीपावली पर माता लक्ष्मी के साथ माता सरस्वती व भगवान श्रीगणेश की पूजा का विशेष महत्व हैं। लक्ष्मी धन की देवी हैं, सरस्वती ज्ञान की तथा गणपति बुद्धि के देवता हैं।

  • इस दिन गणेश जी कि पूजा से ऋद्धि-सिद्धि कि प्राप्ति होती हैं एवं लक्ष्मी जी के पूजन से धन, वैभव, सुख, संपत्ति कि प्राप्ति होती हैं।

  • दीपावली पूजन के समय गणेश एवं लक्ष्मी के साथ विष्णु जी का पूजन अवश्य करें जिस्से घरमें स्थिर लक्ष्मी का निवास हो सके। लक्ष्मी जी के दाहिनी ओर विष्णु जी और बाईं ओर गणेश जी कि स्थापना करनी चाहिए।

  • धन प्राप्ती . शत्रु भय नाश के लिये . कर्ज मुक्ति , नौकरी प्राप्ती , रोजगार में सफलता हेत्तु , रोग नाश हेतु विभिन्न उपायों के लिए दीपावली के दिन विशेष योग शुभ फलदायी हैं , कारण सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में स्थित होते हैं।सूर्य और चंद्रमा दोनों की तुला राशि में स्थिति शुभ और उत्तम फल देने वाली होती है। http://crimejunction.com

दीपावली पर ज्योतीषीय उपयो से पूर्ण करे सभी मनोकामनाये
दीपावली पर महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय ...
दीपावली के दिन सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में सही विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन कर लिया जाए तो अगली दीपावली तक लक्ष्मी कृपा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं आती है। शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जो दीपावली के दिन करने पर बहुत जल्दी लक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है। यहां लक्ष्मी कृपा के लिए ये उपाय सभी राशि के लोगों द्वारा किए जा सकते हैं
  • दीपावली की रात में लक्ष्मी और कुबेर देव का पूजन करें |

  • मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।

मंत्र:-ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा
  • दीपावली पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। किसी मंदिर हनुमान मंदिर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते हैं।
  • दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ भी रखें। पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है।

  • दीपावली के दिन अशोक के पेड़ के पत्तों से वंदनद्वार बनाएं और इसे मुख्य दरवाजे पर लगाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी।दीपावली के दिन झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए। पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें। जब झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखना चाहिए.

  • इस दिन अमावस्या रहती है और इस तिथि पर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने पर शनि के दोष और कालसर्प दोष समाप्त हो जाते हैं।

प्रथम पूज्य श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें।
  • दूर्वा की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के शुभ दिन यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती. है।

  • महालक्ष्मी के चित्र का पूजन करें, जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं। ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं।

  • दीपावली पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करते समय नहाने के पानी में कच्चा दूध और गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद अच्छे वस्त्र धारण करें और सूर्य को जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के साथ ही लाल पुष्प भी सूर्य को चढ़ाएं। किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज का दान करें। अनाज के साथ ही वस्त्र का दान करना भी श्रेष्ठ रहता है।

  • दीपावाली पर श्रीसूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। रामरक्षा स्तोत्र या हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है।

  • दीपावली पर श्रीयंत्र के सामने अगरबत्ती व दीपक लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें। फिर श्रीयंत्र का पूजन करें और कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी के मंत्र

ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का जप करें।
  • घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। द्वार के दोनों ओर कुमकुम से ही शुभ-लाभ लिखें।

  • शनि दोषों से मुक्ति के लिए तो पीपल के वृक्ष के उपाय रामबाण हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके साथ ही शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक भी लगाना चाहिए।

  • स्थिर लक्ष्मी कि कामना हेतु दक्षिणावर्ती शंख, मोती शंख, गोमती चक्र इत्यादि को शास्त्रों में लक्ष्मी के सहोदर भाई माना गया हैं। इन दुर्लभ वस्तुओं कि स्थापना करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।

राशियों के मुताबिक मन्त्र का जाप करके मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें एवेम ज्योतिषीय ग्रहो को अनुकूल बनाये 
मेष राशि (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)-ऊ श्रीं ह्री ऐं महालक्ष्म्यै कमलाधारिणयै सिंहवाहिन्यै स्वाहा
वृषभ राशि (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)-यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
मिथुन राशि (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)-ऊ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूणवाहिन्यै श्रीं ऐं नम:।
कर्क राशि (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)-ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं।
सिंह राशि (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)-ओं ह्रीं हूं हां ग्रें क्षों क्रों नम:।
कन्या राशि (ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)-ऊ नम: कमलवासिन्यै स्वाहा।
तुला राशि (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) -ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं जगत्प्रसूत्यै नम:।
वृश्चिक राशि (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)-ऊ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।।
धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)-श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्म्यै नम:।
मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी) -ऐं ह्रीं श्रीं आद्यलक्ष्मि स्वयंभुवे ह्रीं ज्येष्ठायै नम:।
कुंभ राशि (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) -ऊ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूणवाहिन्यै श्रीं ऐं नम:।
मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)-ओं रं श्रीं धं धनदे रतिप्रिये स्वाहा।
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोषकाल में और स्थिर लग्न (वृष, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ) में ही किया जाता है।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
शाम 7:11 बजे से 8:16 तक
प्रदोषकाल- शाम 05:43 से 08:16 तक
वृषभ काल (स्थिर लग्न)- शाम 07:11 से 09:06 रात्रि तक
अमावस्या तिथि शुरू- 00:13 (19 अक्टूबर)

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