सुनील गिरी
हापुड़ :पश्चिम उत्तर प्रदेश के र्तीथ स्थल गढमुक्तेशवर के खादर क्षेत्र की गंगा नदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर करीब 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया । श्रद्धालुओं ने स्नान के साथ साथ अपने दिवंगत परिजनों की आत्मशान्ति के लिये दीप भी दान किये । हांलाकि इस बार मेले को मानचित्र पर आने के बाद सारा बंदोबस्त प्रसाशन के द्वारा किया गया फिर भी मेले में लाखों श्रद्धालुओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा ।
गढमुक्तेश्वर व तिगरी के रेतीले मैदान से होकर गुजर रही गंगा नदी मे राजिस्थान, दिल्ली, हरयाणा, पंजाब सहित उत्तर प्रदेश अदि स्थान से श्रद्धालु स्नान करने आते है । कार्तिक पूर्णिमा के इस मेले का आयोजन इस बार प्रशासन द्वारा जिला किया गया । पिछली बार की तरह इस बार भी करीब 15 किमी के क्षेत्र मे मेला का आयोजन किया गया था । मेले में सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन कैमरे से अधिकारी नजर रखे हुए थे । वहीं खासकर महिलाओं को मेले में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा । महिलाओं श्रद्धालुओं को कपडे बदलने व नहाने के लिए अलग घाट की प्रसासन द्वारा कोई व्यवस्था नही की गई जिस कारण महिलाओं को इस मेले में परेशानी का सामना करना पड़ा ।
आप को बता दें की महाभारत कालीन से कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का आयोजन बराबर होता चला आ रहा है। चर्तुदशी के मोके पर दीप दान किया जाता है यह दीप दान पौराणिक मेले मे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। चर्तुदशी को भगवान श्री कृष्ण ने पाण्डवों से महाभारत के युद्ध मे मारे गये असंख्यक वीर योद्धा एवं सगे सम्बन्धियों की आत्मा की शन्ति एवं मोक्ष की प्राप्ति के लिये दीप दान कराया था। तभी के ये प्रथा आह तक चली आ रही है ।



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