सुनील गिरी
हापुड़ । नवंबर माह में जहां धुंध और कोहरे से समय से पहले सर्दी बढ़ा दी है वहीं धुंध में प्रदूषण ज्यादा होने से दिक्कत आने लगी है। दिल्ली से सटे जनपद हापुड़ में प्रदूषण तीन गुना बढ़ गया है जिसके चलते वाहनों से निकल रहा धुआं, फैक्ट्रियों से निकल रहा धुआं तथा सड़क से उड़ रही धूल भी है। जनपद की दो शुगर मिल अब तक करीब 22 लाख कुंतल गन्ना पेराई कर चुकी है लेकिन वायुमंडल में छा रही धुंध ने शुगर लॉबी पर संकट ला दिया है। क्योंकि एनसीआर में एनजीटी द्वारा फैक्ट्रियों को कुछ दिन के लिए बंद करने के आदेश अन्नदाता के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। गेहूं की बुआई के लिए इंतजार कर रहे किसानों का गन्ना समय से न काटा गया तो गेहूं का संकट आ जाएगा। वहीं धौलाना में 105 औद्योगिक इकाईयों को नोटिस जारी किए गए हैं।
हापुड़ जनपद में दो शुगर मिल चल रही है जिसमें एक शुगर मिल सिंभावली तथा दूसरी ब्रजनाथपुर में हैं। इसके अलावा नगर में भी सेंचुरी फैक्ट्री समेत सैकड़ों फैक्ट्री चल रही है। वहीं धौलाना के एनटीपीसी इलाके में 105 फैक्ट्री चल रही है। कुल मिलाकर फैक्ट्रियों से निकल रहा धुआं वायुमंडल को जहरीला कर रहा है। जिसमें एनजीटी ने एनसीआर में शुगर मिलों को 14 दिसंबर तक बंद करने के आदेश कर दिए थे।हालांकि उसमें प्रदूषण विभाग को जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए थे। क्योंकि जो शुगर मिल प्रदूषण के मानक पूरे कर रही है उसको बंद नहीं किया जाना है। लेकिन अगर स्मॉग की दिक्कत ज्यादा बढ़ी तो फिर शुगर मिल बंद भी कराई जा सकती हैं। फिलहाल मुजफ्फर नगर की भी कोई शुगर मिल अभी तक बंद नहीं की है परंतु दिल्ली से सटे हापुड़ में मिल बंद होने की सूचना से जहां मिल प्रबंधन में हडकंप मच गया है वहीं किसानों के होश उडे हुए हैं। क्योंकि मिल बंद होते ही दस दिन में किसानों का रुटीन बिगड़ जाएगा और गेहूं की फसल लेट हो जाएगी।दो साल से प्रकृति के प्रकोप से जूझ रहा है किसानरू किसान बबली त्यागी, अशोक त्यागी, अनिल चैधरी का कहना है कि दो साल से बारिश होने के कारण किसानों को गेहूं की फसल से नुकसान हो रहा है। लेकिन इस बार पारा नीचे जाने से किसानों को लाभ हो सकता है लेकिन अगर गन्ना नहीं काटा गया तो फिर गेहूं की फसल नहीं बो पाएंगे जिसके चलते गन्ना क्रेशरों पर मंदे रेट में दिया जाएगा। उन्होंने रेट सही करने की मांग की।स्रसिंभावली ग्रुप के गन्ना महा प्रबंधक सुधीर कुमार ने बताया कि इस बार मिल पेराई शुरू होने से पहले ही प्रदूषण मुक्त करने के लिए दोनों मिलों में करोड़ों रुपये के संयंत्र लगा दिए गए हैं। पानी तता हवा एवं धुआं से कोई प्रदूषण नहीं हो रहा है जिसकी रिपोर्ट प्रदूषण विभाग द्वारा समय समय पर ली जा रही है। प्रदूषण विभाग के आदेश की धज्जिया उड़ा रहे है ।
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