गोण्डा। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किसानों के सिंचाई लागत शून्य करने के लिए चलाई गयी तहत्वाकांक्षी योजना सोलर पम्प पर कृषक अंश में करीब ढाई गुना की बढ़ोत्तरी होने से सोलर पम्प लेने की आस लगाये किसानों को जोर का झटका धीरे से लगा है जिससे अधिकांश किसान मायूस हो गये है।
बताते चले की सपा शासन काल में दो हार्स पावर का सोलर पम्प खरीदने के लिए किसानों को अपने अंश के रुपये तेईस हजार पचास रुपये का भुगतान करना पड़ता था। लेकिन अब किसानों को 2 एचपी डीसी सोलर पम्प की खरीद के लिए 50820 रुपये तथा एसी पम्प के लिए 51840 रुपये कृषक अंश के रूप में भुगतान करना पड़ेगा। सोलर पम्प लेकर सिंचाई लागत कम करने का मन बनाये अधिकांश किसानों का तर्क है कि किसान की आय को दो गुना करने का सपना दिखा रही सरकार ने सोलर पम्प की कीमत बढ़ाकर किसानों को एक बार फिर मुसीबत में डाल दिया है। इसी तरह 3 हार्स पावर की डीसी पम्प 80996 तथा एसी पम्प के लिए कृषक अंश के रूप मंे 77700 रुपये देना होगा।
पम्प की लागत बढ़ने से भड़ने से भड़के किसान नेता
सोलर पम्प पर कृषक अंश बढ़ने से किसान नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है। किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष शिवराम उपाध्याय ने बताया कि किसानों की आय दुगुना करने का सपना दिखा रही। केन्द्र व प्रदेश सरकार ने सोलर पम्प पर दाम बढ़ा कर किसानों के साथ धोखा किया। कहा कि कुछ किसानों का थोड़ा बहुत कर्ज माफ कर क्या अब उसे वसूलने की तैयारी है। यदि ऐसा नही तो क्यों बढ़ाये गये दाम किसान इसे बर्दास्त नही करेगा।
किस ब्लाक को कितना लक्ष्य
जिले को सोलर पम्प वितरण के लिए 308 क्रमशः 2 एचपी व 3 एचपी पम्प वितरण करने का लक्ष्य मिला है। जिसको ब्लाकवार लक्ष्य का निर्धारण कर दिया गया है। इनमें झंझरी में 20, पंडरी कृपाल में 18, इटियाथोक में 18, कर्नेलगंज में 20, कटरा बाजार में 19, तरबगंज में 20, वजीरगंज 19, रुपईडीह में 19, मुजेहना में 20, हलधरमऊ में 19, परसपुर में 19, नवाबगंज में 21, बेलसर में 19, मनकापुर में 20, छपिया में 18, बभनजोत में 16 पम्पों का लक्ष्य निर्धारण किया गया है।
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