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निकाय चुनाव नगर परिषद गोण्डा:आसान नही है भाजपा की नैय्या पार होना


त्रिकोणीय कांटे की संघर्ष

गोण्डा। नगर परिषद गोण्डा के चेयर मैन का चुनाव भाजपा प्रत्यासी के लिए आसान नही है। यहाँ लड़ाई त्रिकोणिये हो गयी है। हलांकि दो महिलाये और चुनाव मैदान में है जो स्वतंत्रत रूप से स्वयं कार्य करने में सक्षम है और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा भी ली है लेकिन दोनों महिलाये अभी लड़ाई से बाहर है।
हम बात करें भाजपा प्रत्यासी माया शुक्ला की तो माया शुक्ला भाजपा संगठन में सक्रिय रही है, जिन्हें भाजपा ने टिकट दिया है। बीते दो कार्यकाल में पूर्व के कार्यकाल में चुनाव लड़े निर्मल श्रीवास्तव सायलेन्ट बूथ कैप्चरिंग के रिपोर्ट पर पूरे पांच वर्ष बिना चेयर मैन के नगर परिषद को जिला प्रशासन ने चलाया। पिछले कार्यकाल में रूपेश श्रीवास्तव उर्फ निर्मल श्रीवास्तव चेयर मैन तो बन गये लेकिन सपा कार्यकाल में अल्प काल में अनियामितता के आरोप में बर्खास्त कर दिये गये। इस बार महिला सीट होने पर अपनी मां को चुनाव लड़ा रहे हैं। नगर में श्रीवास्तव मत बहुतायत है और एक कट्टर हिन्दू संगठन समर्थन कर रहा है। वहीं सपा से पूर्व चेयर मैन रहे कमरूद्दीन अपने पुत्री को चुनाव लड़ा रहे हैं। ऐसे में नगर परिषद गोण्डा में सपा शिवसेना समर्थित व भाजपा में त्रिकोणिये संघर्ष करके भाजपा के रास्ते में रोड़ा ही रोड़ा कर दिया गया है। कल योगी के गोण्डा आने पर भाजपा के मतों में कोई इजाफा नही लग रहा है। भाजपा प्रत्यासी के समर्थन में सदर विधायक जिनसे जनता को कौन कहे मीडिया कर्मी भी फोन पर बात नही कर सकते। वह प्रत्येक वार्ड में जाकर प्रत्यासी के लिए वोट मांग रहे हैं। जबकि सपा प्रत्यासी के लिए पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह प्रत्यासी जिताने के लिए  अपनी प्रतिष्ठा बना चुके है। 
भाजपा की हालत वैसे ही खस्ती बनी हुयी है। पिछले 6 माह से भाजपा का शासन काल है लेकिन नगर में नाली नाले गन्दगी से लेकर सड़कों की हाल बद से बदतर बनी हुयी है। मुख्यालय की मुख्य सड़क गड्ढे में है जिनपर वाहनों के आवागमन से आंधी जैसे धूल उड़ रहे है। ऐसे में लोगों का मानना है कि भाजपा किस विकास के नाम पर वोट मांग रही है। साहबगंज वार्ड के राजीव का कहना है कि मुख्य सड़क पर उड़ रहे धूल से सैकड़ों की संख्या में लोग सांस के विभिन्न बीमारी एवं दमा, अस्थमा से पीड़ित हो चुके है, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। ऐसे में वर्ष 19 में लोकसभा चुनाव व 22 में विधानसभा चुनाव में बहुत से लोग वोट देने के लिए बचेंगे ही नही फिर वोट क्या देंगे। 
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