दलितों को बंधक बना कर प्रधान का कुनबा लेता है काम!
गोण्डा। एक ऐसा गांव जहाँ नियम कानून नही प्रधान के कुनबों की मर्जी चलती है। यहाँ आज भी दलितों को बंधक बनाकर काम लिया जाता है और पगार मांगने पर इकनी जमकर पिटाई की जाती है। दबंगों की यातना से परेशान करीब दर्जन भर दलित परिवार के लोगों ने एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है।
प्रकरण देहात कोतवाली के गांव खरगूचाँदपुर से जुड़ा है। यहाँ पर पड़ोस के गांव हरखापुर के प्रधान अमर नाथ के कुनबों की आज भी तूती बोलती है। हालत यह है कि पड़ोस के गांव खरगूचाँदपुर में रहने वाले अधिकांश दलित परिवार आये दिन इनके दबंगई का शिकार हुआ करते हैं। आरोप है कि प्रधान के लड़कों द्वारा इन दलितों को बंधक बनाकर काम लिया जाता है और जब इनके द्वारा पगार की मांग की जाती है तो दबंग इनकी बेरहमी से पिटाई करते है। इन दलितों की व्यथा को सुनकर हर कोई हैरान हो जायेगा। एसपी से मिलने आये शिव बालक, संतोष व तेली ने बताया कि हम लोग करीब पांच वर्षों से इन लोगों की बेगार करते चले आ रहे हैं। यदि कभी बुलाने पर हम लोग नही पहंुचते हैं तो ये लोग घर पर चढ़ कर पूरे परिवार को जबरन बुला लाते है। यहाँ तक कि हमारे मासूम बच्चों से भी इन लोगों द्वारा काम लिया जाता है। तथा हमारी मासूम बेटियों से छेड़छाड़ भी करते हैं। मना करने पर अपशब्दों का प्रयोग कर गांव छुड़ा देने की धमकी देते हैं। गत रविवार को बेगार न करने पर इन लोगों द्वारा घर पर चढ़ कर पूरे परिवार की बेरहमी से पिटाई की गई। हम लोगों द्वारा जब थाने पर सूचना दी गई तो वहाँ से भी हमको डांटकर भगा दिया गया। प्रधान होने के कारण पुलिस इन पर कार्यवाई करने के बजाय हर बार मामले को रफा दफा कर देती है। थाने पर सूचना देने के एवज में दबंगों ने मंगलवार की सुबह पुनः घर पर चढ़कर पिटाई की और घर पर रखा छप्पर भी उजाड़ दिया। यही नहीं वर्ष 2002 में किसी आवश्यक काम के कारण तेली द्वारा इनसे सात हजार रुपये उधार लिया गया था। सात हजार के बदले सत्तर हजार रुपये वापस किया। तथा पांच वर्षों तक पूरे परिवार द्वारा बेगार की गई। फिर भी अभी तक हमें कर्ज से इन लोगों द्वारा मुक्ति नहीं दी गई है। फिरहाल प्रशासन इन दबंगों पर कार्यवाही कर पाता है या नही यह बात अभी भविष्य के गर्त में छिपी है। लेकिन इनकी दबंगई आज भी ब्रिटिश हुकूमत की याद दिलाती है।


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