सुलतानपुर (यूपी). फरवरी माह में जयसिंहपुर कोतवाली के चोरमा गांव में गैंगरेप पीड़िता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी पूर्व विधायक अरुण वर्मा को पुलिस ने क्लीन चिट दे दिया है। बता दें कि इससे पूर्व हत्या की शिकार हुई महिला के साथ हुए गैंगरेप में भी विधायक का नाम आया था जो पहले पुलिस इनवेस्टिगेशन और बाद में कोर्ट में हुए बयान के आधार पर निकाला गया था।
फ़ाइल फोटो : मृतका
प्रकाश में आया आत्महत्या के दुष्प्रेरण का मामला
आपको बता दें कि गैंगरेप पीडिता के हत्या केस में जांच कर रहे डीसीआरबी इंचार्ज आर.पी. सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व विधायक के खिलाफ अब तक उन्हें कोई सबूत नही मिला है। उन्होंने रिपोर्ट में दर्शाया है के गैंगरेप पीड़िता की हत्या के बजाय आत्महत्या के दुष्प्रेरण का मामला प्रकाश में आया है।
मुआवजे की रक़म बंटवारे को लेकर हुई घटना
मामले में दुष्प्रेरण के आरोपी मृतका की माँ बेबी सिंह, पिता राजेन्द्र सिंह व भाई अनूप सिंह जेल भेजे जा चुके हैं। पुलिस के मुताबिक गैंगरेप मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर मिले मुआवजे की रकम के लेन-देन को लेकर आपसी विवाद के चलते गैंगरेप पीड़िता ने आत्महत्या कर ली थी।
आत्महत्या को हत्या का रूप देने के लिए आरोपी मां-बाप, भाई ने साजिश के तहत बीते 11 फरवरी की रात शव को पंचायत भवन के पास फेंका था। और फिर गैंगरेप पीड़िता के पिता ने ही पूर्व विधायक अरुण वर्मा व उनके सहयोगियों पर हत्या कराने की साजिश के तहत जयसिंहपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी।
कोर्ट के बाहर मां चिल्ला कर कहती रही पुलिस ग़लत फंसा रही
वही एफआईआर दर्ज होने के करीब 10 महीनों से पुलिस कर मामले की तफ्तीश रही थी। अब भी मामले में जांच जारी है। वही पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में तीनो आरोपियो के जुर्म कबूल करने की बात कही है। जबकि कोर्ट से बाहर निकलते समय मृतका की आरोपी माँ पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए चिल्ला-चिल्लाकर सभी को गलत ढंग से फंसाने की बात कह रही थी।



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