सुनील गिरी
हापुड। सोमवार को मोनाड वि0 वि0 मे बसंत पंचमी का त्योहार को मनाया गया। इस दौरान माता सरस्वती की पूजा अर्चना की गई । माता के जन्म के उत्सव पर वसंत पचंमी का त्योहार मनाया जाता है और सरस्वती देवी की पूजा की जाती है। पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती देवी ने सभी को वाणी दी थी। माना जाता है कि सृष्टि रचियता ब्रह्मा ने जीवों और मनुष्यों की रचना की थी, लेकिन इसके बाद भी वह ब्रह्मा जी संतुष्ट नहीं थे। क्योंकि पृथ्वी पर हर तरफ उदासी छाई हुई थी। तब ब्रह्मा जी ने विष्णु भगवान की अनुमति लेकर अपने कमंडल से जल की कुछ बूंदे पृथ्वी पर छिड़की। ब्रह्मा जी के कमंडल से धरती पर गिरने वाली बूंदों से एक प्राकट्य हुआ। यह प्राकट्य चार भुजाओं वाली देवी सरस्वती का था। माता सरस्वती के एक हाथ में वीणा थी, दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। इसके अलावा बाकी अन्य हाथों में पुस्तक और माला थी। इसके बाद माता की
कृपा से मनुष्य और जीव-जंतुओं को वाणी का वरदान प्राप्त हुआ था। इस मौके पर रामजी मौर्चा, अनिल ब़त्रा, डा0 संगीता दयाल, डा0 सोमदास, निधी मलिक, हिना अग्रवाल, आदि मौजूद रहे।


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