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अमेठी के प्रतिष्ठित संस्थान सचिव का यौन शोषण, न्यायालय से मिला इंसाफ


अलीम खान 
उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद को यूं तो राष्ट्रीय राज राजनीति  का गढ़ माना जाता है  यहां से  राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद हैं  और इस क्षेत्र का रुतबा सत्ता पक्ष में भी कायम है । केंद्र की सत्ता में  शासन करने वाली भारतीय जनता पार्टी  की केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रह चुकी स्मृति ईरानी भी यहां से  राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं । लेकिन  देश की राजनीति में हलचल मचाने वाली अमेठी में  महिलाओं की दुर्दशा अत्यंत खराब है । अमेठी में  कामकाजी महिलाओं को  यौन शोषण का शिकार होना पड़ता है  और महिलाओं का यौन शोषण  होने के बाद  अमेठी पुलिस  हाथ पर हाथ धरे गहरी नींद में सोती रहती है । पुलिस ना तो उस महिला की  कोई मदद करती है और ना ही  किसी प्रकार की कोई सुरक्षा  मुहैया कराती है। ऐसे में प्रश्न खड़ा होता है ।  ऐसे में पीड़ित पक्ष को न्यायालय में इंसाफ की गुहार लगानी पड़ती है । पुलिस प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलती है।
अमेठी जनपद के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक प्रतिष्ठित संस्थान की महिला सचिव ने भवानी दुबे पर  बलात्कार का आरोप लगाया है। विदित रहे कि पीड़िता  प्रतिष्ठित  संस्थान में अगस्त 2006 से सचिव पद पर कार्यरत है। और पीड़िता को संस्थान के अंदर ही आवास मिला हुआ है । पीड़िता उसी आवास में रहती है पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पूरे लक्ष्मी नरायण मजरे बेशारा पश्चिम निवासी भवानी प्रसाद दुबे पुत्र  रामपाल ने दिनांक 16 -11 -2018 समय 6:30 बजे   प्रतिष्ठित संस्थान के अंदर बने गार्ड रूम पर संस्थान के सचिव को बुलाया और सुलह समझा समझौते के बाबत बातचीत करनी चाहिए भवानी दुबे के साथ 2 व्यक्ति भी थे । सुलह समझौते की बात न बनने पर भवानी दुबे ने  जबरदस्ती पीड़िता को बगल में पड़े तख्त पर पटक कर योन शोषण किया। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया लेकिन अमेठी की पुलिस ने पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं दर्ज की । आखिरकार पीड़िता को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। पीड़िता ने सुल्तानपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में अपनी फरियाद लगाई । जिसके बाद माननीय न्यायालय द्वारा पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश थाना प्रभारी कोतवाली मुसाफिरखाना को दिया । थाना मुसाफिरखाना में कोर्ट के आदेश पर हीलाहवाली करने के बाद आखिरकार दिनांक 17 फरवरी 2018 को प्रार्थनी की  रिपोर्ट पर मुकदमा अपराध संख्या 32 सन 2018 अंतर्गत धारा  376  भारतीय दंड संहिता  कायम की है ।
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