सुनील उपाध्याय
बस्ती । छत्रपति शिवाजी महाराज के 388 वीं जयंती पर उन्हें याद करने का क्रम जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को पटेल एस.एम.एच. हास्पिटल एण्ड आयुष पैरा मेडिकल कालेज गोटवा में जयन्ती अवसर पर शिवाजी को याद किया गया।
संस्थापक प्रबंधक डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि माता जीजाबाई से वीरता की कहानियां सुनकर शिवाजी बड़े हुए और उन्हें गुरु स्वामी रामदास का सानिध्य प्राप्त हुआ। शिवाजी अपने गुरु का बहुत सम्मान करते थे। उन्होंने गुरु की चरण पादुका रखकर शासन किया। उन्होंने फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। उनके प्रशासकीय कार्यों में मदद के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद थी जिन्हें अष्टप्रधान कहा जाता था। शिवाजी के साम्राज्य में पंडितों की तरह संत-फकीरों को भी सम्मान प्राप्त था। वह अपने अभियानों का आरंभ अक्सर दशहरा के अवसर पर किया करते थे।
कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। वह भारत के महान योद्धा थे। उन्होंने भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। छापामार युद्ध की नई शैली विकसित की। वह एक अच्छे सेनानायक के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे। उन्होंने नौसेना भी तैयार की। भारतीय नौसेना का उन्हें जनक माना जाता है।
शिवाजी के जयन्ती अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डा. मनोज मिश्र, डा. नरेन्द्र चौधरी, निदेशक डा. आलोक रंजन, डा. अजय कुमार श्रीवास्तव, डा. रेणू यादव, डा. जे.पी. चौधरी, डा. प्रियांशी शर्मा, डा. राजेश सिंह, डा. राजेश चौधरी, शिव प्रसाद चौधरी, रघुनाथ पटेल, आर.के. सिंह पटेल, शीतला पटेल, डा. श्यामनरायन चौधरी, रीतेश चौधरी, अरूण, उत्कर्ष दूबे, मनीष चौधरी, दीनबंधु उपाध्याय, अमरेश पटेल, लालजी यादव, सुखराम पटेल के साथ ही कालेज के अनेक छात्र उपस्थित रहे।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ