ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। जिले में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्हें अब पुलिस का जरा सा भी खौफ नहीं रह गया है। सच तो यह है कि बेलगाम अपराधी खाकी के लिए चुनौती बन गए हैं जबकि पुलिस वसूली में मस्त है। हद तो तब हो गई जब बेखौफ चोरों ने जनपद के सबसे बड़े अधिकारी तक को भी नहीं छोड़ा! जिलाधिकारी कार्यालय में चोरी की घटना की खबर से हर कोई हैरान है। ऐसे में कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है।
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जिले में लूट, डकैती और चोरी जैसी वारदातें आम बात हो गई हैं। शहर के रानीबाजार में स्थित इलाहाबाद बैंक से 50 लाख रुपये की दिनदहाड़े हुई लूट की दुस्साहसिक घटना का खुलासा आज तक नहीं हो सका। नवाबगंज क्षेत्र में डाका और लूट की वारदातों से भी पुलिस के इक़बाल को लेकर सवाल खड़े किए गए। मोतीगंज थाना क्षेत्र में हुई लूटों और जानलेवा हमले ने भी खाकी के दामन पर दाग लगाए। यहां तक तो ठीक था, लेकिन जब जिले के सबसे ताकतवर अधिकारी के अॉफिस में चोरी जैसी दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दे दिया जाय तो पूरे सिस्टम पर ही सवालिया निशान लग जाता है।
25 /26 फरवरी की रात में बेलगाम और बेखौफ चोरों ने पुलिस और प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकार कार्यालय में चोरी की घटना को अंजाम देकर जिले की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सूत्रों के अनुसार बीती रात चोरों ने जिलाधिकारी कार्यालय में रखे कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि कीमती सामानों पर हाथ साफ़ कर दिया। कार्यालय खुलने पर चपरासी ने इसकी जानकारी दी। डीएम अॉफिस में चोरी की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही सीओ सदर भरतलाल यादव दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और गहन जांच पड़ताल शुरू की। मौके पर पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच गए। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट, डॉग स्क्वायड आदि की मदद से सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है।



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