अमरजीत सिंह
फैजाबाद। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या के दीपावली उत्सव के महत्व को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए बीते वर्ष शुरू की गई एक नई परंपरा दिव्य दीपावली भगवान राम राज्याभिषेक कार्यक्रम का इस वर्ष दूसरा आयोजन होगा पहले वर्ष में 1 दिन के लिए होने वाले इस आयोजन का विस्तार करते हुए इसे तीन दिवसीय कर दिया गया है पहले वर्ष और दूसरे वर्ष के आयोजन में एक बहुत बड़ा फर्क यह है कि पहले वर्ष में हुए आयोजन के दौरान सिर्फ आयोजन के समय ही भव्य सजावट सरयू तट के किनारे की गई थी।
लेकिन दूसरे वर्ष के आयोजन में खास बात की है कि पहले वर्ष के आयोजन के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अयोध्या नगर क्षेत्र और सरयू के किनारे सौंदर्यीकरण की दर्जनभर से अधिक योजनाओं का शिलान्यास किया था ।लेकिन इसे विभागीय उदासीनता ही कहेंगे कि 1 वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद भी इन तमाम योजनाओं पर कार्य करने की रफ्तार कछुए से भी धीमी है ।जिसका नतीजा यह है कि अयोध्या में श्री राम की पैड़ी पर हो रहे सौंदर्यीकरण के कार्य में कई योजनाओं को इसलिए रोक दिया गया क्योंकि यह योजनाएं निर्धारित समय सीमा 28 अक्टूबर तक पूरी नहीं हो सकती।
विकास कार्यों की असल हकीकत 6 नवंबर के बाद दिखाई देगी जब दीपोत्सव समाप्त होने के बाद अयोध्या वापस बदरंग सी नजर आएगी
आलम यह है राम की पैड़ी के प्लेटफार्म पर जो नए पत्थर लगाए जाने थे उन पत्थरों को ना लगाकर वहां पर फर्श बनाई जा रही है।इस लापरवाही के पीछे कार्यदायी संस्थाओं के साथ साथ स्थानीय प्रशासन और वह विभागभी जिम्मेदार है जिसके ऊपर इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी थी। वहीं जब कार्यक्रम की तिथि नजदीक आती जा रही है।ऐसे में प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वयं अब विकास कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ।
इन दिनों लगातार अयोध्या में प्रदेश शासन से बड़े अधिकारियों के दौरे हो रहे हैं ।लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अयोध्या में किए जा रहे विकास कार्यों में अनियमितता बरती जा रही है।चाहे वह सड़क के किनारे फुटपाथ बनाने का काम हो या खम्भे हटा कर नए डिजाइन की स्ट्रीट लगाए लगाने का काम। हर काम को इतनी जल्दबाजी में किया जा रहा है यह कितना कारगर साबित होगा और कब तक चलेगा यह कहना बेहद मुश्किल है ।बीते दिनों यह तय हुआ था कि सरयू तट के किनारे स्थित राम की पैड़ी पर बने सभी मंदिरों और भवनों को एक रंग में रंग दिया जाएगा।लेकिन विभागीय अड़ंगेबाजी की शिकार होकर यह योजना धरी की धरी रह गई और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बृजपाल सिंह इस योजना के लिए धन न मिल पाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड ले रहे हैं ।
हालांकि आयोजन के दिन तक बिजली की खूबसूरत रंगीन लाइटों के जरिए इस बदरंग टाट पर रंगीन रौशनी का पैबंद लगा दिया जाएगा।लेकिन विकास कार्यों की असल हकीकत 6 नवंबर के बाद दिखाई देगी।जब अयोध्या वापस बदरंग सी नजर आएगी। रामायण सर्किट योजना के तहत अयोध्या के सर्वांगीण विकास का सपना सपना ही रह गया है।
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