अमरजीत सिंह
फैजाबाद।अयोध्या मे थरूर के अयोध्या विवाद को लेकर दिए बयान की अलग अलग प्रतिक्रिया सामने आई है शशि थरूर ने कहा की सभी चाहते हैं कि राम मंदिर बने लेकिन जो अच्छे हिंदू हैं वह नहीं चाहते कि किसी दूसरे धार्मिक स्थान को तोड़कर मंदिर बनाया जाए.
उनके इस बयान से राम जन्मभूमि व् बाबरी मस्जिद विवाद के पक्षकार व् संतो के द्वारा अपने मजहब को लेकर तरह तरह के बयान बाजी करने लगें हैं.
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि शशि थरूर कांग्रेस के नेता है और कांग्रेस ने 70 सालों से इसका विरोध किया और कभी बनने नहीं दिया। जो मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है उसमें भी अड़ंगा लगाया इनके नेता कपिल सिब्बल ने कहा की 2019 के बाद की सुनवाई हो। यह जो कह रहे हैं वह गुमराह करने वाली बात है वह राम की भूमि है उसके कण कण में राम है विवाद भूमि का है मंदिर मस्जिद का नहीं है वहां पहले भव्य राम मंदिर था जिसे तोड़कर विवादित ढांचा बाबर ने बनवा दिया था । वह विवादित ढांचा हट गया हमारे शास्त्रों में है कि जो भूमि राम की होती है वह राममय होती है वह कभी भी विवादित और अपवित्र होती ही नहीं । देश विदेश के जितने भी लोग हैं सब चाहते हैं कि वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण हो शशि थरूर को ना शास्त्र का ज्ञान है और ना हिंदू का ज्ञान है । शशि थरूर नेता है और नेता की बात बोलते हैं राम मंदिर पहले कैसे था और अब कैसे हैं इसका एक इतिहास है इसलिए वह यह ना कहें की अच्छे हिंदू और खराब हिंदू । खराब हिंदू क्या होते हैं जो हिंदू नहीं है वह हिंदू की बात क्या जाने हिंदू का अर्थ है हिनती दोषं जासः । जो अपने सभी दुर्गुणों को हटाकर सद्गुणों को ग्रहण करता है । हमारा देश हिंदुस्तान है हिंदू हिंदी हिंदुस्तान इसका आपस में समन्वय है अच्छे हिंदू खराब हिंदू यह नेताओं की भाषा पहले से अलगाववादी बोली बोली जाती रही है वहां कभी मस्जिद था मस्जिद में मीनार होती है, वहां कभी नमाज हुई ही नहीं वहां पहले राम मंदिर था और अब राम मंदिर है।
वहीँ बाबरी विवाद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने बताया की शशि थरूर ने जो कहा है की अच्छे हिंदू है वह ना कभी मंदिर जाएंगे ना मस्जिद कराएंगे उनके ख्याल इतने अच्छे हैं कि उसका हम इस्तकबाल करते हैं ऐसे लोग अगर हिंदुस्तान में पैदा हो जाए तो दो-चार भी हो जाए तो हिंदू मुसलमान की बात ही ना हो सारे लोग एक तरह से रहे खाएं और जिए ऐसे बुद्धिजीवी कहां मिलते हैं अगर हिंदू मस्जिद तोड़ते और मुसलमान मंदिर तोड़ते तो हिंदुस्तान का इतिहास कुछ और ही होता हिंदू मुसलमान साथ ना रहते यह झगड़ा 1992 का है सारी दुनिया ने देखा कि मस्जिद गिराई गई है उनके ख्याल बिल्कुल सही है की मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाना गलत है और जब मुसलमानों ने मंदिर तोड़ा था तब उसे किसी ने नहीं देखा था और जब मस्जिद टूटे तो रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से इसे सारी दुनिया को दिखाया गया है लोग राजनीति कर रहे हैं
जो यह मस्जिद मंदिर का बयान रेडियो टेलीविजन पर आप सुनते हैं वह देश के लिए खतरनाक है लोग धार्मिक बात करते हैं हिंदू मुसलमान की बात करते हैं यह खतरनाक है लेकिन ऐसे लोग जो इस तरह का बयान देते हैं वह अच्छा है उसका हम स्वागत करते है।


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