अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर गोंडा ।। जनपद बलरामपुर गोंडा सीमावर्ती क्षेत्र मेहनवन में स्थित आदि शक्ति मां पटमेश्वरी देवी का अति प्राचीन स्थान स्थित है । इस स्थान पर पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है । नवरात्रि के दिनों में विशेष आयोजन भी होते हैं । बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए प्रत्येक दिन पहुंचते भी हैं । मां पटमेश्वरी देवी का कोई मंदिर पहले नहीं था ।
तमाम प्रयासों के बाद वहां पर मंदिर का निर्माण शुरू हुआ जो अभी भी निर्माणाधीन है । पटमेश्वरी देवी ट्रस्ट भी स्थानीय लोगों के सहयोग से बनाया गया ताकि मंदिर का सार्वभौमिक विकास हो सके और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो । मंदिर ट्रस्ट श्रद्धालुओं के लिए हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं । इस ट्रस्ट के संरक्षक पूर्व विधायक नंदिता शुक्ला तथा अध्यक्ष स्वामी राघवेश दास वेदान्ती जी को बनाया गया है ।
राघवेश दास वेदान्ती पूर्व सांसद व राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रामविलास वेदांती के शिष्य एवं उत्तराधिकारी हैं । इस ट्रस्ट के बनने के बाद मंदिर निर्माण जिस गति से शुरू हुआ था उससे यह संदेश गया था कि अब इस मंदिर का तेजी से विकास होगा और यहां पर सभी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी परंतु वर्तमान नवरात्र में जो स्थिति मंदिर के आसपास दिखाई दी उसने इस सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है ।
मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोग व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं कर रहे हैं । जगह जगह मेज लगा कर चंदा के नाम पर रसीद काटी जा रही हैं । किसी भी मंदिर पर रजिस्टर्ड स्थान पर ही चंदा की रसीद काटी जानी चाहिए अथवा दान पेटिका में श्रद्धालुओं से अपना सहयोग डाल सकता है । इसके बावजूद भी धन उगाही का कार्य धड़ल्ले से जारी है । जानकारों का कहना है कि किसी भी आयोजन में धन की आवश्यकता होती है इसमें कोई संदेह नहीं परंतु चंदे के रूप में ली गई धन का समुचित हिसाब होना भी आवश्यक है और उस धन का सदुपयोग मंदिर के रखरखाव व आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधाओं में किया जाना चाहिए जो इस समय इस मंदिर में कहीं होता दिखाई नहीं दे रहा है । पूरा मंदिर परिसर अव्यवस्थाओं का शिकार हो चुका है ।
व्यवस्था के नाम पर कोई भी सुविधा दिखाई नहीं दे रही है । अगर हम बात करें मंदिर के गर्भगृह में दर्शनार्थियों की तो वहां भारी अव्यवस्था दिखाई दे रही है । मंदिर की भव्यता को अव्यवस्था ने जकड़ रखा है । ना तो दर्शन करने के लिए महिला व पुरुष के अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की गई है और ना ही कोई सिस्टम लागू किए गए हैं । दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आने वाले दर्शनार्थी यह देखकर बताते हैं कि ऐसी अव्यवस्थित मंदिर तो शायद ही कहीं दिखाई दे । इतना ही नहीं मंदिर के बगल में मां दुर्गा का एक मूर्ति स्थापित कर पूजन अर्चन का कार्य चल रहा है ।वहां पर लाइट तथा साज सज्जा के विशेष प्रबंध किए हैं वहीं बगल में मुख्य मंदिर के अंदर बिजली सप्लाई ना होने पर अंधेरा छाया रहता है ।
ट्रस्ट के प्रबंधकों तथा पास में पूजा आयोजित कर रहे आयोजकों को भी जरा सा भी धार्मिक ज्ञान या तो नहीं है की अति प्राचीन मंदिर के अंदर अंधेरा और बाहर आ स्थाई मूर्ति के पास जगमगाती रोशनी कहां तक उचित है । मंदिर के अंदर लोग मोबाइल का टार्च जलाकर दर्शन कर रहे हैं । वही बाहर रोशनी जगमगा रही है । हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पर प्रतिदिन पहुंच रहे हैं ।
सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर ना तो ट्रस्ट के लोग कहीं समुचित व्यवस्था करते दिखाई दे रहे हैं और ना ही पुलिस प्रशासन के लोग । पुलिस की ड्यूटी पर लगाए गए लोग मंदिर से काफी दूर नहर पर कुर्सियां लगाकर बैठे दिखाई देते हैं । अंदर मंदिर के आसपास कोई भी सुरक्षाकर्मी दूर-दूर तक नजर नहीं आता । हजारों की भीड़ पूरी तरह से असुरक्षित और अव्यवस्थित दिखाई दे रही है ।
ऐसे में कैसे उम्मीद की जाए कि भविश्य मे देश के उन प्राचीन बड़े मंदिरों से मां पटमेश्वरी देवी के मंदिर की तुलना की जा सकेगी । जैसा कि ट्रस्ट के निर्माण के समय कल्पना की गई थी यह एक बड़ा सवाल है ? मंदिर के ट्रस्ट से जुड़े लोगों के लिए साथ ही स्थानीय जनता के लिए भी क्योंकि यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है और जितना भी विकास होगा उससे क्षेत्र के लोगों का विशेष कल्याण होगा । इस बात को नहीं भूलना चाहिए ।
इस समाचार के माध्यम से यह बताने की कोशिश की जा रही है कि मंदिर के उत्तरोत्तर विकास हेतु स्थानीय लोगों के साथ साथ ट्रस्ट से जुड़े प्रबंधक व सदस्यों को अपनी भूमिका सकारात्मक रुप से निभाने की जरूरत है ।
इस पूरे अव्यवस्था पर मंदिर निर्माण के प्रभारी रामानंद तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस वर्ष नवरात्र में वह सब व्यवस्था के नाम पर कोई कार्य नहीं कर पाए हैं ।उन्होंने अव्यवस्थाओं को स्वीकार करते हुए यह भी कहा कि मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की कोई वसूली किए जाने की कोई इजाजत नहीं है । श्रद्धालुओं के लिए दान हेतु दान पात्र रखे गए हैं । इस पूरे बिंदुओं पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर विचार अवश्य किया जाएगा


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