अमरजीत सिंह
फैजाबाद।पशु तस्करों पर कार्रवाई करने से कतराने वाले पटरंगा पुलिस को आखिरकार एसएसपी कार्यालय से फटकार के बाद कार्रवाई करनी ही पड़ी।पहले लाभ के चक्कर में 116 मवेशियों से भरे ट्रक चालक व पशु तस्करों पर थाना प्रभारी मेहरबान रहे।लेकिन ट्वीटर पर शिकायत होने के बाद मामले को एसएसपी ने संज्ञान में लिया तो पटरंगा पुलिस ने आनन-फानन में बुधवार की देर रात्रि पशु क्रूरता अधिनियम की धारा को बढ़ा दिया साथ ही पकड़े गए ट्रक को भी सीज कर दिया जिसकी पुष्टि हाईवे चौकी प्रभारी भीमसेन यादव ने की है।बता दें कि मंगलवार की रात पटरंगा थाना क्षेत्र के हाईवे पुलिस चौकी अंतर्गत काजी पुरवा गांव के सामने मवेशियों से लदी एक ट्रक ने एक 15 वर्षीय किशोर मो0 आसिम को टक्कर मारते हुए आगे निकल गई।जब ग्रामीणों ने ट्रक का पीछा किया तो ट्रक चालक ने गाड़ी को थोड़ी दूर आगे खड़ा कर भाग गया मौके पर पहुंचे ग्रामीण ने ट्रक को पुलिस के हवाले किया।ट्रक पर कुल 116 मवेशी भूसे की तरह भरे हुए थे।पुलिस ग्रामीणों की मदद से मवेशियों को ट्रक से बाहर उतरवाया और काजी पुरवा गांव निवासी नफीस की तहरीर पर महज दुर्घटना का मुकदमा दर्ज कर मवेशियों को पुनः पशु तस्करों के हवाले करने की तैयारी में जुड़ गई।
इस बाबत जब पटरंगा पुलिस से जानकारी चाही गई तो पुलिस ने मामले में पहले पुलिस सिर्फ दुर्घटना होने का अपराध बताया जबकि ट्रक में 116 मवेशी लदे थे जिनमें से तीन मवेशियों की मौत हो गई थी और आधा दर्जन मवेशी ट्रक की रगड़ से घायल हो गए थे जिनका उपचार मवई पशु चिकित्सा अधिकारी सीवी वर्मा ने किया था।मामले में पुलिस पशु तस्करों पर मेहरबान नजर आई तो लोगों ने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर सेल पर की।जिसे संज्ञान में लेते हुए एसएसपी फैजाबाद ने तत्काल पटरंगा थाना प्रभारी को विधिक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।एसएसपी के निर्देश के बाद आखिरकार बुधवार की देर रात पटरंगा थाना प्रभारी ने मामले में पशु क्रूरता की धारा बढ़ा दी।
ग्रामीणों में बांटे गए मवेशी
मवेशियों से भरे ट्रक के मामले में पटरंगा पुलिस द्वारा बरती गई लापरवाही की खबर जब शोशल मीडिया नें प्रकाशित किया।उसके बाद हरकत में आई पटरंगा पुलिस ने आनन-फानन में मवेशियों को ग्रामीणों के सुपुर्द किया।हाईवे चौकी प्रभारी भीमसेन यादव ने बताया के मथुरा पुरवा जबरवा पुरवा व बसौडी गांव के कुल 26 पशुपालकों के सभी मवेशी सुपुर्द किये गए है।इन मवेशियों को पहले पुलिस पशु तस्करों के ही सुपुर्द करने वाली थी।


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