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पुराने शौचालय मे पेन्ट कराकर शौचालय का पैसा निगल रहे हैं प्रधान










अमर जीत सिंह
फैजाबाद। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बन रहे शौचालय व प्रदेश को शौच मुक्त करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार रुपए को ग्राम पंचायतों में पानी की तरह बहा रही है। वहीं ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव के द्वारा शासन को चूना लगा रहे हैं।बिगत वर्ष में बने शौचालय व स्वयं द्वारा निर्मित शौचालय का चूना कारी कराकर चेक ज़ारी कर शासन को चूना लगा रहे हैं। और नया बनने वाले शौचालय में पीली ईंट व सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जो कभी भी ख़तरा उत्पन्न कर सकता है। ऐसा नहीं है कि लोग इसकी शिकायत नहीं होती है शिकायत होती है लेकिन जांच करने वाले अधिकारी ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव से मिल कर शासन को रिपोर्ट भेज देते है।









जिला कोर्डिनेटर राकेश सिंह की मानें तो स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले के 11 ब्लाक के 835 ग्राम सभा में 1250 राजस्व गांव में 3 लाख 9 हजार 1 सौ 61 शौचालय बनने का लक्ष्य दो अक्टूबर नियत किया गया था। लेकिन समय सीमा में कार्य पूरा न होने के कारण जिलाधिकारी डा.अनिल कुमार पाठक ने ओड़ीएफ नियत तारीख को बढ़ाकर 30 अक्टूबर कर दिया था।जिले में शायद ऐसा कोई गांव नही है जहा मानक के अनुसार शौचालय का निर्माण हुआ है और न ही शौचालय का ट्रैंक ही मानक के अनुसार है।ग्रामीणों की माने तो ग्राम प्रधान शौचालय सूची का बखूबी मौज ले रहे है।बताते चलें पिछली सरकार अथवा जो निजी शौचालय का निर्माण कराए हुए हैं उनको चूने से पुताई कराकर ग्राम प्रधानो के द्वारा लाभार्थी का पैसा ऐंठ रहे है और उनके नाम की खुद चेक काट लेते हैं और पैसा निकाल लेते हैं इस तरह शौचालय पूर्ण रूप से तैयार भी हो जाता है और धनराशि पूरा का पूरा  ₹12000 जेब में हो जाते हैं 









प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत को स्वच्छ बनाना चाहते हैं।वहीं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से मिली भगत कर धनराशि का बखूबी बंदरबांट हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि जो शौचालय ग्राम प्रधान बनाते है उसमें सिर्फ एक बोरी सीमेंट 400 से 500 ईंट में बन जाते हैं और शौचालय में मोरंग के जगह डेस का उपयोग किया जाता हैं।शौचालय का गड्ढा इस तरह  खोदते हैं 2 फुट 3 फुट से ज्यादा नहीं  उसमें भी सेंध लगा रखा है  गड्ढे में जो ईट लगाते है वह भी पीला बुजुर्ग शौचालय मे गया हो उस शौचालय में अपने पैरों पर ठीक से खड़ा ना हो पाता हो शायद ही शौचालय के दीवाल पकड़कर खड़ा हो जाएं तो लगता है शायद वो शौचालय उसी समय ना गिर जाए शौचालय की सभी ग्राम सभा में किसी उच्च अधिकारी द्वारा जांच कराई जाए दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा। वहीं जिला कोर्डिनेटर राकेश सिंह ने बताया कि शासन द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार जनपद के 1250 राजस्व गांव में 1112 गांवों का ओडीएफ हो चुका है।138 गांव ओडीएफ के करीब है। एमआईएम 99.80 व फोटो अपलोडिंग 87.31 है दोनों में काफी अंतर दिखा।

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