इटियाथोक के दौदापुर में श्रीराम कथा के दूसरे दिन उमड़े रामभक्त
ए. आर. उस्मानी / अजीज हसन सिद्दीकी
गोण्डा। इटियाथोक कस्बे के निकट ग्राम दौदापुर में मानस परिवार द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन श्री प्रेमभूषण जी महाराज ने उपस्थित लोगों को कथा सुनाते हुए मनुष्य के जीवन की प्रसंशा की और कहा कि मानव जीवन बहुत ही दुर्लभ है, ये सभी को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति बहुत भाग्यशाली है, जो मनुष्य के रूप में पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य मानुष तन पावा।
श्री महाराज ने कहा कि मानव शरीर न देवताओं को मिलता है और न ही दैत्यों को, लेकिन ये हमें- आपको प्राप्त हुआ है। मनुष्य का जीवन पुण्य का परिणाम है, जिसका जितना पुण्य है, उसे उतना ही प्रभु के कृपा की प्राप्ति है। मानव को दो अदभुत चीजें प्राप्त हैं, जो किसी को नहीं मिला है। वो है हँसी और खुशी प्रकट करने के लिए ताली। इसलिए हमें इसका प्रयोग करना चाहिए। हँसो और हँसने दो। इस पर सरकार ने कोई टैक्स भी नहीं लगाया है। श्री महाराज ने अपने कथा में कहा कि एक बड़ा ही अदभुत प्रश्न है कि रामजी कौन हैं? इस प्रश्न से लोग आज भी परेशान हैं। श्री महाराज ने संगीत में कहा जिस पर लोग खूब झूमे।
जै जै राम कथा, जै श्री राम कथा,कथा में श्री महाराज ने कहा कि राम कथा में राम कथा के पहले शिव कथा है। संत ग्रंथ भगवंत इनका कभी परीक्षण नहीं करना चाहिए।
हमारे मद, कद व पद को कभी भी कोई भी तोड़ सकता है। हमें बड़हल का फल नहीं बनना चाहिये क्योंकि वह गिरते ही बिखर जाता है। हमें कटहल की तरह बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुख व दुख सभी के जीवन में एक बार जरूर आता है। वह चाहे जब आये, किसी के बचपन में, तो किसी की जवानी में या बुढ़ापे में, इसे आना ही है। हमें अपने बच्चों को यदि हो सके तो उन्हें बचपन में ही तपाना चाहिये।
कथा कार्यक्रम में मुख्य यजमान पदुमनाथ तिवारी, संतोषमणि तिवारी, रुचि तिवारी, अम्बरीषमणि तिवारी, सहजराम तिवारी, दिनेश शुक्ल, आशीष पांंडेय, दामोदर प्रसाद शुक्ल, पंच तिवारी, राकेश शुक्ल, राजेश दूबे, विश्वनाथ तिवारी, दामोदर पांडेय हरिओम शुक्ल, अजय मिश्र, कमलकांत शुक्ल, संजीव शर्मा, राजेश गुप्ता, स्वामीनाथ उपाध्याय, डॉ. दिनेश त्रिपाठी सहित हजारों की संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहे।
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