राहगीरों की जान के दुश्मन बने मिलों के अवैध ट्रॉले
आए दिन लोग हो रहे हादसों के शिकार, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
अवैध ट्रॉलों के संचालन से सरकार को प्रतिमाह लगता है करोड़ों के राजस्व का चूना
स्टेट ब्यूरो ए. आर. उस्मानी की रिपोर्ट
गोण्डा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओवरलोडिंग पर रोक लगा रखी है, जिससे आमतौर पर मोरंग बालू आदि की लदान करने वाले ट्रक अंडरलोड ही लदान करने को विवश हैं, जो ट्रक मालिकों के लिए विकराल समस्या है। सरकार की इस व्यवस्था से ट्रक मालिकों को काफी आर्थिक क्षति पहुंच रही है। वहीं चीनी मिलों पर यह नियम नहीं लागू हो रहा है।
दरअसल, गोण्डा में जिला प्रशासन, संभागीय परिवहन निगम और चीनी मिलों की तिकड़ी राहगीरों पर भारी पड़ रही है। ओवरलोड गन्ना लदे ट्रकों तथा ट्राला की चपेट में आकर राह चलने वाले गरीब लोग आए दिन असमय ही काल के गाल में समा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार कानों में तेल डालकर कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं। जिला प्रशासन की 'उदारता' और परिवहन निगम की खाऊ कमाऊ नीति के चलते ही चीनी मिल प्रबंधतंत्र बेलगाम और मनबढ़ हैं। इसका खामियाजा आम राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। सवाल यह उठता है कि क्या चीनी मिलों पर सरकार की व्यवस्था और नियम नहीं लागू होते हैं.?
जिले के मनकापुर क्षेत्र के दतौली में स्थित बलरामपुर ग्रुप की मनकापुर चीनी मिल एवं मोतीगंज थाना क्षेत्र के कुंदुरखी में स्थित बजाज चीनी मिल में गन्ना ढुलाई के लिए ट्राला का उपयोग किया जा रहा है। बताते हैं कि बजाज चीनी मिल कुंदुरखी में करीब तीन दर्जन ट्राला से क्रय केन्द्रों से गन्ना ढुलाई का काम लिया जा रहा है। इसी तरह मनकापुर चीनी मिल दतौली में भी दो दर्जन से अधिक ट्रालों को गन्ना ढुलाई के लिए लगा रखा गया है। बताया जाता है कि मिलों द्वारा अवैध रूप से ट्रालों से गन्ने की ओवरलोडिंग ढुलाई कराकर सरकार के करोड़ों रूपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। बताते हैं कि एक ट्राला पर 150 कुंतल से लेकर 200 कुंतल तक गन्ने की लोडिंग की जाती है, जो नियम विरूद्ध होने के साथ ही गैरकानूनी भी है।
दरअसल, मिलों ने ट्रालों को बनवाकर क्रय केन्द्रों पर लगा रखा है, क्योंकि ट्रकों की अपेक्षा इनमें ज्यादा गन्ना लोड किया जाता है। मिलों द्वारा विशेष रूप से गन्ने की ढुलाई के लिए बनवाए गए ट्रालों से मिलों और ठेकेदारों का तो फायदा है, लेकिन इसका खामियाजा आम राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन की उदारता, परिवहन निगम की लुंजपुंज व्यवस्था और चीनी मिलों की तानाशाही अब तक करीब दर्जनभर राहगीरों को असमय ही काल के गाल में धकेल चुकी है। ओवरलोड ट्रालों के पलटने या लड़ने के कारण आए दिन सड़कों पर हादसे होते रहते हैं, जिसमें दिसंबर माह से लेकर अब तक तमाम लोग जान गंवा चुके हैं।
जानकर बताते हैं कि चीनी मिलों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले ट्रॉले पूर्णतय: अवैध, गैरकानूनी और खतरे को दावत देने वाले हैं। कम लागत में अधिक माल की ढुलाई करने के चक्कर में धड़ल्ले से अवैध ट्रालों का प्रयोग किया जा रहा है। इन ट्रालो पर गन्ना लादने के बाद चालक को दाएं बाएं या पीछे देखने की गुंजाइश ही नहीं होती है। साथ ही रात के समय में इन ट्रालों में रिफ्लेक्टर या लाइट ना होने के कारण इनको देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि इनसे कितना बचकर चला जाए ? इसी चक्कर में लोग इनकी चपेट में आकर अपनी जान गवां बैठते हैं।
मामला बड़ी बड़ी चीनी मिलों से जुड़ा होने के कारण परिवहन अधिकारी भी मिलकर चलने में और मलाई खाने में विश्वास रखते हैं। सूत्र बताते हैं कि चीनी मिलों को जिला प्रशासन से लेकर तहसील प्रशासन तक की मौन स्वीकृति रहती है। इस 'उदारता' के एवज में उन्हें भी चढ़ावा चढ़ाया जाता है। यही कारण है कि जिले के आलाधिकारी भी गूंगे बहरे बने हुए हैं। बताते हैं कि अवैध ट्रालों के संचालन से सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
ठेकेदारों के भी चलते है अवैध ट्राले
सूत्रों की मानें तो चीनी मिलों द्वारा गन्ना ढलाई कार्य के लिए ठेकेदारों की भी मदद ली जाती है जहां ठेकेदारों द्वारा गन्ना ढलाई के लिए कृषि में पंजीकृत ट्रैक्टर ट्राला का उपयोग व्यवसायिक रूप से किया जा रहा है जिससे राजस्व को चपत लगती है सूत्र बताते हैं कि संभागीय परिवहन निगम के लिए ठेकेदारों के ट्राले मोटी कमाई के जरिया साबित होते हैं
ये हुए ओवरलोड ट्रालों के शिकार
- 25 दिसंबर को सालपुर चौकी क्षेत्र के गोण्डा उतरौला मार्ग पर गन्ना लदा ट्राला पलटने से एक बाइक सवार की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए।
- 28 दिसंबर को मोतीगंज थाना क्षेत्र के दनौवा गांव के पास बजाज चीनी मिल कुंदुरखी को गन्ना ले जा रहे ट्राला की चपेट में आकर डड़वा कानूनगो गांव के रामसूरत और जनक राम घायल हो गये। दोनों का इलाज अब भी चल रहा है।
- 2 जनवरी को बजाज मिल चौराहे पर ही गन्ना लदे ओवरलोड ट्राला की चपेट में आकर मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के बंजरिया निवासी अवधेश गंभीर रूप से घायल हो गए तथा उसकी बाइक क्षतिग्रस्त हो गई।
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फ़ाइल फोटो मृतक अमन त्रिवेदी |
- 3 जनवरी को झिलाही बाजार से एक ही बाइक पर सवार होकर तीन युवक गन्ना लदे अज्ञात ट्राला की चपेट में आ गये। जनपद के इटियाथोक थाना क्षेत्र के चुरिहारपुर गाँव निवासी अमन द्विवेदी (19 वर्ष) पुत्र कृपा शंकर द्विवेदी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि बाइक पर सवार चंदन पाण्डेय (18 वर्ष) पुत्र अलखराम पाण्डेय निवासी बैरीपुर रामनाथ के मजरे दत्तूपुर व सत्येंद्र मौर्या (18 वर्ष) पुत्र ओम प्रकश मौर्या निवासी बैरीपुर रामनाथ के मजरे नई बस्ती गंभीर रूप से घायल हो गये।जिसमे इलाज के दौरान चन्दन की भी मौत हो गयी
फ़ाइल फोटो मृतक चन्दन
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घायल यशदीप ऊर्फ शिम्पू |
- 5 जनवरी को मनकापुर - रेहरा मार्ग पर स्थित मरौचा गांव के पास अपाची चालक यशदीप ऊर्फ शिम्पू (19वर्ष) पुत्र बृज बिलास बरवार ग्राम भिटौरा के मजरे दलीपपुरवा निवासी ट्राला के आमने - सामने की भिड़त में बाइक चालक गम्भीर रुप से घायल हो गया।
ये हादसे तो महज बानगी हैं। आएदिन इस तरह की जानलेवा दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सूत्रों की मानें तो दिसंबर से अब तक जिले की विभिन्न सड़कों पर चीनी मिलों के ट्राला रूपी दानव करीब दर्जनभर राहगीरों को निगल चुके हैं। अलग अलग क्षेत्रों में हुए हादसों में तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। राहगीरों की जान के दुश्मन बन चुके चीनी मिलों के ट्रालों के अवैध संचालन और गन्ना ढुलाई पर आखिर प्रशासन क्यों मेहरबान है.?
बोले जिम्मेदार
मनकापुर चीनी मिल जीएम प्रवीण गुप्ता ने कहा कि ट्रालो में रिफ्लेक्टर लगवाया जाता है लेकिन गन्ना ढुलाई के दौरान टूट जाता है |
ए आर टी ओ सर्वेश गौतम ने कहा कि चीनी मिलो में चल रहे ट्रालो का चालान किया जा रहा है
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