सुनील उपध्याय
बस्ती। और लो फिर आ गया चुनाव का मौसम। आजकल हर तरफ केवल चुनाव की ही चर्चा हैं किसी को टिकट लेने की चिन्ता है तो किसी को टिकट कटने की, तो किसी को किसी का टिकट कटवाने की। हर नेता किसी न किसी प्रकार चुनाव जीत कर लोक सभा में पहुंच कर माननीय सांसद बनना चाहता है परन्तु चुनाव का सफर इतना आसान तो है नहीं क्योंकि जनता है जो सब जानती है और आसानी से समझती नहीं। चुनावी सफर में प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों में अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां भी उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है जो चुनाव के मजे को किरकिरा कर सकती है।
केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ होमयोपैथिक चिकित्सक डा0 अनुरूद्ध वर्मा एवं जिला चिकित्सालय के आयुष चिकित्साधिकारी डा0 वी0के0 वर्मा ने बताया कि अब प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान होने वाली शिकायतों से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि होम्योपैथी में ऐसी अनेक दवाईयां है जो प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान होने वाली परेशानियों से छुटकारा दिलाने में पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने बतायाा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाषण देते-देते नेता जी का गला बैठ गया हो अथवा वोटों के गुणा भाग लगाकर आत्म विश्वास में कमी आ रही हो या नींद उड़ गयी हो इन सभी समस्याओं का समाधान होम्योपैथी में है और वह भी तात्कालिक असर के साथ।
चुनाव में किसी भी प्रत्याशी के लिए चुनाव जीतने का नुस्खा होता है बातों से वोटरों को अपनी तरफ मोड़ना, इसके लिए दिन-रात सम्पर्क, फिर भाषण, ऐसे मे यदि गला ही बैठ जाए, मंच पर खड़े होते हाथ-पाँव कांपने लगें, आत्म विश्वास बिगड़ जाए तो यह स्थितियां उस नेता के सारे प्रयासों पर पानी फेर सकती हैं, ऐसे में इन नेताओं को चाहिए कि वे होम्योपैथिक दवा की मीठी-मीठी गोलियां खाएं और जनता को खूब समझाएं। भाषण देते देते यदि गला बैठ गया हो तो भाषण से दो घंटे पहले कोका क्यू की पांच-पांच बूंद आधे-आधे घंटे में लेने से गला साफ हो जायेगा तथा आवाज पूरी तरह खुल जायेगी।
उन्होंने बताया कि अधिक बोलने से अक्सर स्वर यन्त्र की कार्य-शक्ति कमी हो जाती है और कई बार बोलते समय स्वर भंग हो जाता है, आवाज भारी हो जाती है। ऐसे में ओरम ट्रिफाईलम 30 की कुछ खुराके आपकी आवाज को ठीक करने में फायदेमंद हो सकती हैं भाषण के दौरान आवाज फसने लगे तो अर्जेन्ट मेट 30 की कुछ खुराके आवाज को ठीक कर सकती हैं। भाषण के पश्चात यदि आवाज भारी हो जाए तो कास्टिकम 30 औषधि आपकी आवाज को पहले जैसा कर सकती हैं।
चुनाव के दौरान प्रत्याशी जीत के गुणा-भाग में लगे रहते हैं, जीत होगी की नहीं आदि की चिन्ता सताती रहती है, इन सब कारणों से प्रत्याशी में चिड़चिड़ापन, घबराहट, बेचैनी एवं आत्मविश्वास की कमी की परेशानी हो सकती है। ऐसे में यदि प्रत्याशी अर्जेटम नाइट्रिकम 30 की कुछ खुराकें ले ले तो इन परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। क्योंकि होम्योपैथिक दवाई आत्मविश्वास को बढ़ाती है। प्रत्याशी कल की चिन्ता करते हैं कि कल कहां से प्रचार शुरू करें, वहां रिसपान्स मिलेगा कि नहीं, अगर मिलेगा तो कैसा मिलेगा, इन सब बातों को लेकर यदि आत्मविश्वास की कमी हो तो लाइकोपोडियम 30 की कुछ खुराकें प्रत्याशी को चिन्तामुक्त कर सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव के दौरान नेताओं की नींद उड़ जाती है जिससे वह दिन में आलस्य से ग्रसित रहतें है, बात करते-करते सो जातें है, ऐसे में नेताओं को पूरी नींद लेनी चाहिए, नींद न आने पर काली फस 6 एक्स औषधि कारगर साबित हो सकती है। नींद के लिये एलोपैथिक दवाएं नही प्रयोग करना चाहिए क्योंकि व्यक्ति इन दवाइयों का आदी हो जाता है तथा शरीर पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने बताया कि चुनाव में दिन भर भागदौड़ से शरीर पस्त हो जाता है, सुस्ती आ जाती है काम करने की इच्छा नहीं करती है ऐसे में सुबह जब प्रचार के लिये निकलें तो ऐवेना सटाइवा क्यू की 30 बंूद ले लें यह आपकी थकान को दूर कर देंगी। दिनभर की थकान के बाद यदि शरीर में दर्द हो तो रसटाक्स 30 एवं आर्निका 30 की कुछ खुराकें आपके दर्द को छूमंतर कर सकती है।
उन्होंने बताया कि दिनभर भाषण, बहस, माथा-पच्ची, चिक-चिक एवं मतदाताओं को समझाने में थकान आ जाती है ऐसे में ऐसिड फांस 30 फेरम फास 6 एक्स औषधि के प्रयोग से आप का दिमाग तरो-ताजा हो जायेगा और आप जनता को बेहतर तरीके से अपने पक्ष में मोड़ सकेंगे। होम्योपैथिक दवाईयां पूरी तरह निरापद है और इनका प्रयोग एहतियात के तौर पर भी किया जा सकता है। चुनाव के सफर में होम्योपैथिक दवाईयां आपकी हमसफर साबित हो सकती है तथा आपके चुनाव के वैतरणी को पार करने में आपका सहयोग कर सकती हैं साथ ही चुनाव को सफल एवं खुशनुमा बनाकर आपकी जीत के सपने को साकार करने में मददगार साबित हो सकती है, परन्तु यह औषधियां किसी होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए।
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