आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। ’माहवारी वरदान है, अभिशाप नहीं’ थीम के साथ जिले में विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया गया। इस दौरान संयुक्त जिला चिकित्सालय समेत जिले के विभिन्न चिकित्सालयों और स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर संगोष्ठियों का आयोजन करके किशोरियों और महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरुक किया गया। इस दौरान महिला चिकित्सकों ने किशोरियों व महिलाओं को यह बताया कि माहवारी प्रबन्धन के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखें। यही नहीं इसे लेकर संकुचित न रहें बल्कि घर की महिलाओं से खुलकर बात करें।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक दीनदयाल वर्मा ने बताया कि सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह के निर्देश पर जिले के सभी चिकित्सालयों व उपकेन्द्रों पर विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस का आयोजन किया। मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ कपिल मुनि मिश्रा ने किशोरियों व महिलाओं को माहवारी प्रबन्धन के बारे में जानकारियां दी। महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
महिलाओं और किशोरियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसलिए हर वर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। डॉ ए के सिन्हा ने कहा कि इस दिवस का उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणाओं को दूर करना, महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है। 28 मई की तारीख निर्धारित करने के पीछे मकसद है कि मई वर्ष का पांचवां महीना होता है। यह अमूमन प्रत्येक 28 दिनों के पश्चात होने वाले स्त्री के पांच दिनों के मासिक चक्र का परिचायक है। इस दौरान डीपीएम विनीत श्रीवास्तव , अरबन कोआर्डिनेटर सुरजीत सिंह, डॉ मुबारक अली, जिला बैक्सीन प्रबन्धक सुशील मौर्या, नर्स मेण्टर निशा पटेल के साथ ही साथ भारी संख्या में किशोरियां व महिलाएं उपस्थित रहे।
किशोरियों व महिलाओं को बांटे गए सेनेटरी पैड
इस दौरान विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर सेनेटरी पैड का वितरण महिलाओं और किशोरियों के बीच किया गया। मगहर अरबन स्वास्थ्य केन्द्र पर किशोरी काउंसलर के द्वारा सेनेटरी पैड का वितरण किया गया। वहीं आरबीएसके खलीलाबाद की टीम के द्वारा खलीलाबाद, शिवसरा आदि स्थानों पर सेनेटरी पैड का वितरण किया गया। इस दौरान स्कूल जाने वाली तथा स्कूल न जाने वाली बालिकाओं और महिलाओं को एकत्रित करके गोष्ठी की गई। विभिन्न ब्लाकों के साथ ही उपकेन्द्रों पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
क्या कहते हैं आंकड़े
एनएएफएचएस 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 58 प्रतिशत महिलाएं हीमाहवारी प्रबंधन के लिए स्वच्छ साधन का उपयोग करती हैं। प्रदेश में यह आंकड़ा 47प्रतिशत है। महिलाओं की कुल जनसंख्या का 75 प्रतिशत आज भी गांवों में है। इनमें से देश में 48 प्रतिशत व प्रदेश में 40 प्रतिशत महिलाएं ही माहवारी प्रबंधन के लिए स्वच्छ साधन का उपयोग करती हैं। 44 प्रतिशत महिलाएं यह कहती हैं कि वे अपनी माहवारी प्रबंधन की सामग्री को धोकर पुन: उपयोग करती हैं।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ