गोरखपुर जनपद मे सफाई कर्मी चलाता हैं आई क्लिनिक
मेंहदावल ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरईपुर तैनात सफाई कर्मी का मामला
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। भाजपा शासन की नीति भ्रष्टाचार को खत्म करने की रही है। इसके साथ ही सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्य के बाबत कोई लापरवाही नही करनी है। इसी नीति का पालन करवाने हेतू भाजपा की योगी सरकार सख्त रही है लेकिन वही संतकबीरनगर जनपद में एक सफाईकर्मी के द्वारा अपने सफाईकार्य के विरत एक आई क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है।
जबकि शासन से मेंहदावल ब्लॉक के बरईपुर में सफाईकर्मी के पद पर तैनात है। लेकिन ग्रामीणो का कहना है कि सफाईकर्मी कभी भी सफाईकार्य हेतु ग्राम में नही आये है। जिस बाबत एक माह पूर्व में समाचार पत्र में इस बाबत खबर भी प्रकाशन हुआ था। फिर भी अभी तक मातहत अधिकारियो ने इस बाबत कोई भी कार्यवाही नही किया गया। बताते चले कि ग्राम मे तैनात सफाईकर्मी तैनाती स्थल पर आने की जगह जिला प्रशासन के नाक के नीचे गैर जनपद मे खुलेआम आई क्लिनिक चला रहा हैं और यह मामला उजागर होने के बाद भी जिम्मेदार प्रशासन सफाईकर्मी के उपर कोई भी कार्यवाही करने से बचा जा रहा है। जिसके कारण दोषी सफाईकर्मी के विरुद्व जिला प्रशासन द्वारा अब तक कोई कार्यवाही न किया जाना भाजपा सरकार के मातहत जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल पैदा हो रहा है।
इस बाबत विदित हो कि मेंहदावल ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरईपुर मे तैनात सफाईकर्मी को मिडिया के लोगो ने एक स्टिंग के द्वारा गोरखपुर जनपद के पीपीगंज कस्बे मे आई हास्पिटल चलाते हुए रंगे हाथ पकडा और मरीज देखते हुए फोटो व विडियों भी वायरल हुआ। वही ग्राम बरईपुर के ग्रामीणों ने इस बात की पुष्टि भी की ग्राम प्रधान के सह पर गांव मे तैनात सफाई कर्मी भाष्कर द्विवेदी कभी गांव मे सफाई कार्य करते नही देखे गयें। यही नही उक्त सफाईकर्मी जहां भी तैनात रहे वहां विवादो से नाता जुड़ा रहा और बरईपुर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान को छोडकर हर प्रधान ने उक्त विवादित सफाई कर्मी को अपने ग्राम पंचायत से हटाने के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र भी लिखा।
जिसका नतीजा रहा कि जिम्मेदार अधिकारियों ने उसकी तैनाती बरईपुर ग्राम पंचायत मे किया। जहां प्रधान व सफाईकर्मी की मिली भगत का नतीजा रहा कि तैनाती के समय से मामला उजागर होने तक उक्त सफाई कर्मी की सूरत किसी ने नही देखी। मामला मिडिया के लोगो ने उजागर किया तो अधिकारियों की जांच मे मामले की पुष्टि भी हुई पर तैनाती स्थल पर कभी न आने वाले सफाई कर्मी पर जिला प्रशासन की मेहरबानी का राज किसी के समझ मे नही आ रहा हैं। वैसे तो सफाईकर्मी के बाबत सारी जिम्मेदारी जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी का होता है। इस जनपद मे लगभग दो साल से डीपीआरओ के पद पर आलोक प्रियदर्शी तैनात है। जिस बाबत इस सफाईकर्मी पर कोई कार्यवाही न करना एक तरह से कुछ अलग ही कहानी बनती दिख रही है।
लेकिन इस समय सफाई कर्मी भाष्कर द्विवेदी पर कोई कार्यवाही न करना काफी चर्चाओ को जन्म दे रही है। एक माह से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के बाद भी साहब द्वारा कार्यवाही न किया जाना लोगो के बीच जहां चर्चा का विषय बना हुआ हैं। वही प्रदेश सरकार की छवि को दागदार कर रहा हैं। इस संबंध मे डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी का कहना हैं कि यह सही है कि सफाईकर्मी भाष्कर द्विवेदी कभी भी तैनात स्थल पर न आकर गैर जनपद मे खुलेआम अपनी आई क्लिनिक चलाता हैं जांच मे इस बात की पुष्टि भी हो गयी है। लोकसभा चुनाव के कारण कार्यवाही नही हो पायी थी। यथा शीघ्र दोषी सफाई कर्मी को निलंबित कर आवश्यक कार्यवाही को किया जाएगा।
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