अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एमएलके पीजी कालेज सभागार में अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में चल रहे ग्रीष्मकालीन निःशुल्क कार्यशाला के तीसरे दिन बुधवार को विपश्यना कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रतिभागियों ने ध्यान आदि की जानकारी प्राप्त की।
21 मई को विपश्यना कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए प्राचार्य प्रो0 पाण्डेय ने कहा कि विपश्यना कार्यशाला में, लोगों को बिना किसी पूर्वाग्रह के अपने विचारों और भावनाओं को समझने और निरीक्षण करने के लिए सिखाया जाता है। यह ध्यान तकनीक उन्हें अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करने, अपने शरीर और मन की संवेदनशीलता का अनुभव करने, और किसी भी भावना या विचार को बिना किसी निर्णय के स्वीकार करने में मदद करती है। विपश्यना कार्यशाला के प्रशिक्षक विपश्यना केन्द्र श्रावस्ती के बाबू राम यादव ने प्रतिभागियों को ध्यान आदि की जानकारी देते हुए कहा कि विपश्यना ध्यान से आपको जीवन की वास्तविकता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है, जिससे आप सांसारिक दुखों और इच्छाओं के बंधन से मुक्त हो सकते हैं। विभागाध्यक्ष गणित प्रो0 वीणा सिंह ने सभी का स्वागत किया जबकि डॉ राम रहीस ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यशाला के संयोजक लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने कहा कि विपश्यना कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को बुद्ध की शिक्षाओं और विपश्यना ध्यान तकनीक का अभ्यास करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यहकार्यशाला लोगों को मानसिक शांति, आत्म-जागरूकता, और जीवन की गहरी समझ प्राप्त करने में मदद करती है। इस अवसर पर डॉ बी एल गुप्त, डॉ अभय नाथ ठाकुर, डॉ कमलेश चौरसिया, डॉ रिंकू व डॉ श्रद्धा सिंह सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।
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