आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। जीपीएफ प्रकरण में जमा धनराशि पर ब्याज को लेकर पेंच फंस गया है। उप सचिव राम प्रताप विमल ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक व वित्त नियंत्रक से जीपीएफ ब्याज को लेकर 7 विन्दुओं पर जबाब माँगा हैं। जिसको संज्ञान में लेकर अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. अंजना गोयल ने जिला विद्यालय निरीक्षक से विन्दुवार आख्या मांगी। प्रकरण को लेकर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई तय देख विभाग में अफरा तफरी मची हुई है। जिला विद्यालय निरीक्षक बस्ती ने संतकबीरनगर के ब्याज भुगतान के लिए 35 करोड़ 94 लाख 64 हजार 1 सौ उन्यासी रुपया वित्त नियंत्रक से मांगा है। हाल ही में जीपीएफ के प्रारम्भिक अवशेष का 5 करोड़ 33 लाख 55 हजार 4 सौ 99 रुपया सन्तकबीरनगर के कोषागार में हस्तान्तरित किया गया है। प्रकरण को लेकर उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष/ मण्डलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा है कि व्याज का रुपया हस्तान्तरित होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। बतातें चलें कि संतकबीरनगर जनपद का विभाजन 1997 में बस्ती से हुआ था। विभाजन के पूर्व जनपद के 29 सहायता प्राप्त व 11 सँस्कृत स्कूलों के जीपीएफ फंड की कटौती बस्ती में होती थी। विभाजन के उपरांत जीपीएफ की धनराशि संतकबीरनगर के कोषागार में हस्तान्तरित हो जानी थी, किन्तु विभाजन के 22 वर्ष बाद भी धनराशि ट्रांसफर नही हो पाई, जिसको लेकर शिक्षक संघ सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन कर रहा था। विभागीय जानकारी के मुताबिक माध्यमिक विद्यालयों से प्राप्त प्रपत्र- 6 के आधार पर लेखा शीर्षक 8338 में अगस्त 97 तक जमा प्रारम्भिक अवशेष धनराशि के अनुसार ब्याज आगणन किया गया, जिसके अनुसार 35 करोड़ 94 लाख 64 हजार 1 सौ उन्यासी रुपया ब्याज का बना है। जिला विद्यालय निरीक्षक बस्ती बृज भूषण मौर्या के अनुसार सरकार ने लेखा शीर्षक 8338 को वर्ष 2002 में बंद कर दिया है, जिसके कारण ब्याज की धनराशि वित्त नियंत्रक से अलग से मांगना पड़ा है। ब्याज मिलते ही धनराशि संतकबीरनगर के कोषागार में हस्तान्तरित कर दी जाएगी। संयुक्त शिक्षा निदेशक के बार-बार पत्र लिखने के बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षक सिद्धार्थनगर कोषागार में जमा धनराशि हस्तान्तरित नही कर रहे हैं। लापरवाही के कारण करहना इंटर कालेज का 12604619 लाख , रमवापुर सरकारी का 203081 लाख व धर्मसिंहवा का 21577831 लाख रुपया अभी तक हस्तान्तरित नही हो पाया। बस्ती के कोषागार में जमा संस्कृत माध्यमिक विद्यालय धरगेबी के 422715 लाख, विसोवा के 663049 लाख, मुण्डेरा शुक्ल के 382439 लाख, धर्मसिंहवा के 899339 लाख व कोटिया बेलहर के 532542 लाख रुपया भी अभी तक हस्तान्तरित नही हो पाया है। इन स्कूलों का हिसाब नही मिल पा रहा। संस्कृत महाविद्यालय कोडरा के 1116121 लाख, गागरगाड के 952848 लाख, तामेश्वरनाथ के 1044098 लाख, शनिचरा बाजार के 243152 लाख, मेंहदावल के 1143240 लाख व करमैनी के 719968 लाख रुपया भी अभी तक बस्ती कोषागार से हस्तान्तरित नही हो पाया है। इन स्कूलों का भी हिसाब नही मिल पा रहा है।
सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष कर रहा हूँ: संजय द्विवेदी
मण्डलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा जीपीएफ प्रकरण को लेकर शिक्षक विधायक चेत नारायण सिंह के नेतृत्व में सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष कर रहा हूँ।अभी तो प्रारम्भिक अवशेष का धन ही आ पाया है। जीपीएफ का ब्याज, 11 संस्कृत स्कूलों की धनराशि को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। सिद्धार्थनगर में करहना, धर्मसिंहवा व रमवापुर सरकारी का भी धन वापस लाऊंगा। शिक्षक समझ नही रहे हैं, हम उनके भविष्य के लिये लड़ रहे हैं।
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