Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

देश की आज़ादी में क्रांतिकारियों का है अतुलनीय योगदान



■ खुदीराम बोस की बनाई गई 111वीं पुण्यतिथि
आलोक बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। देश की आज़ादी में स्वतन्त्रता सेनानियों के साथ-साथ वीर क्रांतिक्रियों का योगदान भी अतुलनीय रहा है। देश की आज़ादी के लिये भारत माँ के अनेकों वीर क्रांतिकारियों पुत्रों ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। उन्ही क्रांतिकारियों में से एक खुदीराम बोस की रविवार को खलीलाबाद जिला मुख्यालय के बनियाबारी में 111वीं पुण्यतिथि मनाई गई। अनोखी पहल संस्था के लोगों ने खुदीराम बोस के चित्र पर माला और पुष्प अर्पित कर उन्हें नम आँखों से याद किया। संस्था के अध्यक्ष गुरदीप सिंह बिट्टू ने कहा कि जिस उम्र में लोग खेलने और मस्ती में व्यस्त रहते हैं। उस उम्र में खुदीराम बोस देश की आज़ादी की ख़ातिर फांसी पर चढ़ गए थे। ऐसे ही अनेकों क्रांतिकारी देश की आज़ादी के लिये अपने प्राणों की बलि दे दी। उन सभी क्रांतिकारी शहीदों की शहादत युगों-युगों तक याद की जायेगी। संस्था के महासचिव अरविन्द उपाध्याय उर्फ़ विकास ने कहा कि अंग्रेजों का अत्याचार चरम पर था। उस समय मात्र 18 वर्ष की आयु में खुदीराम बोस ने अंग्रेजों के खिलाफ विरोध का पहला बम फोड़ा था। उस बम की आवाज़ मीलों तक सुनाई दी थी। कुछ ही हफ्तों में उसकी आवाज़  ब्रिटेन तक सुनाई दे गई थी। जिसके बाद खुदीराम बोस को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी की सजा सुना दी। खुदीराम बोस जब फांसी चढ़े तो हाथ में गीता और चेहरे पर मुस्कान थी। हमें ऐसे वीर क्रांतिकारियों की वीर गाथा अपनी आने वाली पीढ़ियों को सुनाना चाहिये जिससे वह आज़ादी का मूल्य समझ सकें। संस्था के लोगों ने मिडिया के माध्यम से देश के क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा देने की सरकार से मांग की है। साथ ही खलीलाबाद की विभिन्न सड़को का नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखने की अपील की है। इस अवसर पर गुरदीप सिंह बिट्टू, अरविन्द उपाध्याय उर्फ़ विकास, अवधेश कसौधन, शेषमणि राय, महेशधर द्विवेदी, ब्रह्मानन्द राय, श्रीपत यादव, राम सुंदर यादव, वृजेश कसौधन, रोहित पाण्डेय, ऋषभ पाण्डेय, हरिशंकर पाठक, शिव मगन, सुनील पाण्डेय,  सैफुल्लाह, सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

Below Post Ad

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे