■ मुसरत गाव का कारनामा एक के बाद एक उजागर
आलोक बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। सरकार के द्वारा जनहित में विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है इसी कड़ी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना के तहत गांव के बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने का योजना चलाया जा रहा है। जिसमें बेरोजगारों का जॉब कार्ड बनाकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाता है। लेकिन यह योजना में जिम्मेदार बढ़-चढ़कर गड़बड़झाला कर रहे हैं। आपको बताते चलें कि सेमरियावां विकासखंड के मुसरत ग्राम पंचायत में रोजगार सेवक ने दर्जनों से अधिक फर्जी जॉब कार्ड बनवा डाला तो वही मनरेगा मजदूरों के हक पर भी डाका डालने का काम रोजगार सेवक कर रहा है और जिस में अहम भूमिका अदा कर रहे ग्राम प्रधान भी रोजगार सेवक का सहयोग कर रहे हैं। बताया जाता है कि ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक मिलकर फर्जी जॉब कार्ड धारकों का भुगतान निकासी कर मलाई काट रहे हैं। कुछ जॉब कार्ड धारकों का कहना है कि अभी हाल ही में उनके मजदूरी का भुगतान बैंक अकाउंट में आया था लेकिन रोजगार सेवक स्वयं लिवा जाकर भुगतान की निकासी कर कर किसी मजदूरों को 200 किसी को 400 देखकर शेष पैसा स्व रख लिए। ऐसे में मजदूरों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं हो रहा हर बार रोजगार सेवक यही काम करता है और कुछ फर्जी लोगों को भी जॉब कार्ड बनाकर धन निकाल लेता है। अब ऐसे में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर जिम्मेदार ही भ्रष्टाचार की दलदल में योजना को ढकेल रहे हैं तो साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आखिर कार पात्र और मजदूरों को लाभ कैसे पहुंच पाएगा फिलहाल जिम्मेदार अधिकारी जांच कर कार्यवाही की बात कहते रहते हैं लेकिन देखना होगा कि जांच की आंच में मुसरत ग्राम पंचायत के जाब कार्ड धारकों को कब उनको उनका हक मिल पाएगा या फिर जिम्मेदारों के द्वारा क्लीन चिट दे दी जाएगी।
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