■ गिरफ्तार अभियुक्त पर बीस हजार का था इनाम,संयुक्त पुलिस टीम को मिली सफलता
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। पुलिस अधीक्षक ब्रजेश सिंह के मार्गदर्शन व अपर पुलिस अधीक्षक असित श्रीवास्तव के निर्देशन में तथा क्षेत्राधिकारी खलीलाबाद आनंद कुमार पाण्डेय के निकट पर्यवेक्षण में जनपद के अधिवक्ता रामगोपाल त्रिपाठी जिनकी दिनांक 07.09.2019 को लखनऊ में हत्या कर दी गई थी, के शेष अभियुक्त सूरज उर्फ मुनीराम पुत्र राम दुलारे निवासी ग्राम बगाही थाना नगर जनपद बस्ती को प्रभारी निरीक्षक खलीलाबाद तथा महुली की संयुक्त टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया। जिससे पूछताछ पर उसने घटना का पूरा इकबाल करते हुए घटनाक्रम को विस्तार से बताया। संपूर्ण घटना का खुलासा पूर्व में लखनऊ एसटीएफ टीम द्वारा किया जा चुका है तथा उनके द्वारा घटना से संबंधित अभियुक्त सोमनाथ तथा सुभाष कनौजिया को पूर्व में दिनांक 23.09.2019 को गिरफ्तार किया गया था। घटना के संबंध में अभियुक्त सूरज से भी पूछताछ की गई तथा यह जानकारी मिली कि पूरी घटना की योजना अभियुक्त सुभाष कनौजिया द्वारा बनाई गई थी जिसका रामगोपाल त्रिपाठी से प्रॉपर्टी डीलिंग का विवाद तथा पूर्व में अपने बड़े भाई सुरेश चंद्र के साथ मारपीट किए जाने के कारण रंजिश चल रही थी, इसी का बदला लेने के लिए सुभाष कनौजिया द्वारा योजना बनाकर रामगोपाल त्रिपाठी को मुकदमे में समझौते के नाम पर लखनऊ बुलाया गया। जो अपनी कार स्विफ्ट डिजायर यूपी 32 जीडब्लू 2223 से लखनऊ आए थे जिसके पश्चात दिनांक 07.09.2019 से परिवार के व्यक्तियों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा था। इस संबंध में थाना खलीलाबाद पर दिनांक 08.09.2019 को उनकी गुमशुदगी दर्ज की गई थी। गुमशुदगी की जांच के दौरान लखनऊ पुलिस तथा एसटीएफ के सहयोग से थाना खलीलाबाद एवं सर्विलांस सेल के संयुक्त प्रयासों से संपूर्ण घटनाक्रम का खुलासा हुआ तथा सुभाष कनौजिया द्वारा लखनऊ में गिरफ्तारी पर घटना का इकबाल करते हुए स्कोडा गाड़ी में रामगोपाल को बगल में बैठा कर मोहनलालगंज बाईपास रोड पर इंदिरा नहर की पटरी पर एक जगह ले जाकर कार में ही पीछे बैठे हुए सोमनाथ व सूरज द्वारा गमछे को गले में कसकर तथा स्वयं रामगोपाल के पैर पकड़कर बाद में हाथों से गला दबाकर उसकी हत्या कर देना स्वीकार किया, तथा 10-12 किलोमीटर दूर गाड़ी से अचलीखेड़ा बैराज के आगे ले जाकर इंदिरा नहर में मृतक रामगोपाल त्रिपाठी के शव को फेंक देना बताया गया। इसके पश्चात अभियुक्त सुभाष कनौजिया द्वारा सोमनाथ को समझा कर मृतक के दो मोबाइल फोनों को स्विच ऑफ कर पुलिस को गुमराह करने के लिए चारबाग रेलवे स्टेशन पर दोनों फोनों को अलग-अलग ट्रेन में रख देने के लिए बताया गया। अभियुक्त द्वारा यह दोनों फोन चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ पर प्लेटफॉर्म नंबर 1 व 2 पर खड़ी ट्रेन के जनरल डिब्बे के शौचालय में स्विच ऑफ कर रख दिए गए इनमें से एक फोन को जिस व्यक्ति द्वारा उठाया गया था उसे संतकबीरनगर सर्विलांस टीम द्वारा गहन प्रयास कर अरवल बिहार से पूछताछ के लिए लाया गया जिसके पश्चात यह स्पष्ट हुआ कि इस व्यक्ति का घटना से कोई संबंध नहीं है तथा मात्र गुमराह करने के लिए फोन रखे गए थे। पूरे मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि घटना में शामिल तीन अभियुक्तों में से अभियुक्त सुभाष कनौजिया तथा सोमनाथ को पूर्व में लखनऊ में गिरफ्तार किया जा चुका है शेष अभियुक्त सूरज पर पुलिस अधीक्षक द्वारा गिरफ्तारी हेतु रुपया 20000 का पुरस्कार दिनांक 26.09.2019 को घोषित किया गया था। घटना में प्रयुक्त स्कोडा कार, मोटरसाइकिल व मोबाइल अभियुक्तगण से पूर्व में STF लखनऊ द्वारा बरामद किए जा चुके हैं तथा मृतक की कार जिसको छुपा कर अभियुक्तों द्वारा रखा गया था बरामद की जा चुकी है। अभियुक्तों द्वारा साजिश कर मृतक के शव को इंदिरा नहर में हत्या करने के स्थल से लगभग 11 किलोमीटर दूर नहर में अचलीखेड़ा बैराज से आगे फेंका गया था मृतक के शव की बरामदगी के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं इस हेतु थाना खलीलाबाद की एक टीम मृतक के परिजनों के साथ ही घटनास्थल के पास निरंतर प्रयासरत है। टीम का संपर्क STF लखनऊ तथा लखनऊ जिला पुलिस की टीम से भी है तथा नहर की डाउनस्ट्रीम के संबंध में अभियंताओं से विशेषज्ञ राय लेकर घटनास्थल से आगे तक तलाश के सभी प्रयास जारी हैं घटनास्थल से लगभग 60 किलोमीटर दूर तक पूर्व में ही नहर की मैनुअल सर्च की जा चुकी है तथा सभी संबंधित जिलों से आवश्यक सहयोग प्राप्त कर कार्यवाही की जा रही है अभियुक्तों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर शव बरामदगी के हर संभव प्रयास जारी रखे जाएंगे। गिरफ्तार करने वाले पुलिस बल में प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली खलीलाबाद श्रीप्रकाश यादव, कां0 जमीर, विश्वनाथ सिंह, वीरबहादुर, प्रभारी निरीक्षक थाना महुली प्रदीप कुमार सिंह, हे0 का0 पप्पू सिंह, अनिल कुमार, उ0नि0 धर्मेन्द्र कुमार सिंह, का0 मनीष गुप्ता (सर्विलांस सेल) रहे।
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