प्रदीप शुक्ल
धानेपुर, गोण्डा। क्षेत्र में स्थित एकलौते राजकीय पशु चिकित्सालय की शक्लो-सूरत ठीक वैसे ही है, जैसे सड़क पर घूमते लावारिश मवेशियों की। छुट्टा पशुओं का भी कोई पुरसाहाल नहीं है और इस इकलौते पशु चिकित्सालय की भी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
क्षेत्र के बाबागंज मार्केट के पीछे स्थित विधायक मेहनौन के आवास (मठिया) और उसके पीछे ग्रामीण परिवेश में बना यह पशु अस्पताल वर्षों से खण्डहर रूपी भवन में संचालित है। चिकित्साधिकारी राज कमल चौधरी बताते हैं की अस्पताल परिसर में लगी झाड़ियांं अथवा भवन की ज़र्ज़र हालत से उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है किन्तु विभाग को न तो विधायक के साख़ की परवाह है और न ही इस बात की चिंता है की वहां तैनात कर्मचारी गन्दगी में बैठकर अपना काम कैसे निपटाते होंगे?
एक तरफ सरकार स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए तरह तरह के प्रलोभन और प्रोत्साहन के माध्यम से जन-जागरूकता ला रही है, वहीं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारियों द्वारा सत्ता के पीठ पीछे स्वच्छता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। गौरतलब है की पशुधन विभाग के अधीन भवनों के रख रखाव, मरम्मत व रंगाई पुताई तक के लिए धनराशि दी जा रही है, किन्तु भ्रष्टाचार और उदासीन प्रशासनिक व्यवस्था की वजह से सरकार अथवा जनप्रतिनिधियों की छवि खराब की जा रही है।


एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ