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बाबा घुश्मेश्वर नाथ धाम में हुई अलौकिक श्रृंगार महाआरती


आभूषण से सजाई गई बाबा भोलेनाथ की प्रतिमा
शिवेश शुक्ला 
प्रतापगढ़ l बाबा घुश्मेश्वर नाथ धाम के मंदिर में भगवान शिव की महाशिवरात्रि का उत्‍सव धूमधाम से मनाया गया ,जिसका समापन महाशिवरात्रि पर शिव विवाह के साथ हुआ। महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ का ऐसा श्रृंगार हुआ कि जिसने भी उस रूप को देखा बस देखता ही रह गया क्योंकि दूल्हा रूप में बाबा भोलेनाथ अद्भुत दिख रहे थे। इस बीच बाईस फरवरी को महाशिवरात्रि के बाद बाबा घुइसरनाथ धाम का श्रृंगार चांदी आभूषण से किया गया। महाशिवरात्रि के अवसर के बाद भी बाबा का खास  श्रृंगार होता हुआ दिखा। भगवान भोलेनाथ का अनोखा श्रृंगार किया गया। शिवपुराण में वर्णित है कि विवाह के अवसर पर जब सभी देवों ने और देवी पार्वती ने भगवान शिव को मनाया कि वह अपने अनुपम सौंदर्य रूप में दर्शन दें तब भोले ने जोगी रूप को त्यागकर मोहिनी रूप बना लिया था जिसे देख देवी पार्वती की माता आनंद विभोर हो गईं थी। कुछ ऐसा अनुपम रूप महाशिवरात्रि पर महाकाल का दिखा। वहीं महाशिवरात्रि के दूसरे दिन सिर पर चांदी के मुकुट माथे पर त्रिपुंड। रुद्राक्ष के सा था l शिव और शक्ति दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। बाबा घुश्मेश्वर नाथ धाम में इस श्रृंगार में दांपत्य जीवन के इसी रहस्य को दर्शाते हैं। सृष्टि के आरंभ में भगवान शिव ने अपने शरीर से नारी शरीर को प्रकट करके ब्रह्माजी को बताया था कि सृष्टि का विकास करने के लिए नारी स्वरूप से मैंने अपनी शक्ति को प्रकट किया है। नर और नारी दोनों मिलकर अब तुम्हारी सृष्टि का विकास करेंगे l इस भव्य श्रृंगार आरती के दौरान मंदिर के महंत मयंक भाल गिरि ने लोगों के कुशल मंगल की प्रार्थना की l  चांदी के स्वरूप एवं भव्य आरती के दौरान लोगों का काफी जमावड़ा दिखा l उक्त अवसर पर अनिल गिरि, शीतला प्रसाद गिरि, विपिन तिवारी, लाल बृजेश प्रताप सिंह, लाल संजीव सिंह, संगम मिश्र, शिवकांत पांडेय, सुधीर तिवारी (रिशु), अंजनी, शनि, नीरज, संदीप, कुलदीप, पंकज, रोहित, हरिश्चन्द्र व रामआसरे आदि भक्त उपस्थित होकर बाबा के इस भव्य अलौकिक आभूषण श्रृंगार आरती में शामिल होकर प्रार्थना किया।

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