वासुदेव यादव
अयोध्या। हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है पैगंबर हजरत शीश का उर्स। जिसका आरंभ शुक्रवार से आरंभ हो गया। उसमें शामिल होने हेतु हजरात दूर-दूर से आ रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां पर सभी धर्मों को मानने वालों का बड़ी संख्या में जमघट लगा रहता है। यह स्थान इस्लाम के दूसरे पैगंबर हजरत आदम के बेटे हज़रत शीश की मजार शरीफ है, जो हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम किए है। यहां से भाई चारगी व आपसी सौहार्द का पैगाम पूरी दुनिया में जाता है। दरगाह के प्रबंधक गद्दी नशीन मौलाना सैय्यद आशिक फिरदौसी ने बताया कि उर्स का शुभारंभ विधि विधान पूर्वक शुरू हो गया है। जिसमें काफी संख्या में लोग आकर मजार पर मत्था टेक कर अपने व देश की तरक्की व खुशहाली के लिए दुआएं मांग रहे हैं।
इस उर्स में परंपरागत सभी कार्यक्रम हो रहे हैं। जिसमें शामिल होने हेतु भारत के कई प्रांतों व जनपदों पदों से हजरात आए हुए हैं।
उर्स के मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता सैयद हेलाल अहमद ने किया। उर्स में आये सभी हजरात का खैर मखदम आयोजन समिति की ओर से किया गया।
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