शिवेश शुक्ला
बस्ती :भगवान शिव की कृपा अपने भक्तों पर सदा ही बरसती हैं पर महाशिवरात्री ब्रत अनुष्ठान का विशेष महत्व है।जो अनादि काल से पूजा विधान चली आ रही है। श्री शिव शक्ति पीठ शोध एवं सेवा संस्थान के संस्थापक बाबा महादेव दास ने कहा शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्री ब्रत अनुष्ठान बिधि विधान से करने पर साक्षात शिव निश्चित रूप से प्रसन्न होते हैं।महापुराण में यह वर्णित है।।च यत्कृत्वा शंकर:साक्षात्प्रसन्नो भवति ध्रुवम।।
शिवरात्रि ब्रत का अनुष्ठान करने हेतु प्रात:नित्य कृया से निवृत होकर शिवालय में बिधि पूर्वक पूजन, प्रयत्न पूर्वक दिब्य मंडल व लिंगतो भद्रमंडल या सर्वतो भद्रमंडल आदि का निर्माण करायें।तथा वस्त्र,फल, फूल और पूजा सामग्री सहित प्रजापत्य संज्ञक शुभ कलाओं व यथा संभव दक्षिणादि से पूजन करें।ब्रती तीनों पहर गणेश,स्कन्द ,नन्दी सहित शिव पार्वती को पूजन ,भजन कीर्तन ,नृत्य आदि बिधि से प्रसन्न करने हेतु रात्रि जागरण करें।शीश झुका कर प्रेम पूर्वक गद - गद बांणी से महाप्रभु महेश्वर से प्रर्थना करें।और मंत्र जपें।
।।देव देवं महादेव शरणागत् वत्सल व्रतेनानेन देवेश कृपां कुरू ममोपरिं।। अर्थात हे देव महादेव शरणागत वत्सल हे देवेश हमारे ब्रत अनुष्ठान से प्रसन्न होकर आप हमारे ऊपर कृपा करें।ज्ञानता अज्ञानता वश जो त्रुटि हुई हो क्षमा करें।मेरी मनोकामना पूर्ण करें। महादेव दास ने कहा यह ब्रत आयु,धन, समृद्धि, पाप नाशक , पुत्र-पुत्रादि एवं मोक्ष दायिनी है।जो मन क्रम वचन से महाशिवरात्री ब्रत अनुष्ठान करता है वह सर्व मनोरथ प्राप्त करता है।
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