रमेश कुमार मिश्र
तरबगंज गोण्डा।तरबगंज थानाक्षेत्र में चल रही अबैध कच्ची शराब की दुकानो पर इंस्पेक्टर की छापेमारी से कुछ हद तक अंकुश लगा था लेकिन बीट सिपाही की दरियादिली ने फिर से दुकानो को अबैध कारोबार के लिए खोलवा दिया।जिन बच्चो की उम्र खेलने कूदने व पढ़ने की है वै अबैध कच्ची शराब के कारोबार में जुटे हुए है।जो खुलेआम कारोबार कर रहे है सिपाहियों के संरक्षण में।
बताते चले की तरबगंज थानाक्षेत्र में व्यापक पैमाने पर बिक रही अबैध कच्ची शराब के कारण तरबगंज थाना हमेशा सुर्खियों में रहता है।समय समय पर बदलते इंस्पेक्टर अपनी अहिमियत जमाने के लिए छापेमारी अभियान शुरू करते है लेकिन ये अभियान केवल सेंटिंग तक चलता है सेंटिंग हो जाने के बाद फिर पुराने राष्ते पर चलने लगता है।जिसका फायदा बीट सिपाही उठाकर मालामाल होरहे है।और हर रोज नयी दुकान भी खोलवा रहे है।जिसकी भनक इंस्पेक्टर को नही लग पाती और पैसा बीट सिपाही की जेब में जाता है।
तरबगंज थाने में आये नये इंस्पेक्टर राजनाथ सिंह ने अबैध शराब के खिलाफ अभियान छेड़ दिया जिसमे कयी अबैध कारोबारी गिरप्तार किये गये क्षेत्र में दहशत हो गयी की अबैध शराब की बिक्री बन्द करो।लेकिन येसा केवल सुनने में आया जब मीडियाटीम सच्चाई पता लगाने क्षेत्र में निकली तो पता चला की सभी दुकाने संचालित हो रही है कोई दुकान बन्द नही हुई केवल बीट सिपाहियों ने मंथली बढ़ा दिया है।जहाँ महीने में चार हजार देते थे अब छे हजार देगे और धन्धा जारी रहेगा।जिसका जीता जागता उदाहरण है बीट न.चार जहाँ सबसे ज्यादा अबैध शराब की दुकाने संचालित हो रही है।वही पर एक दुकान थाने से मात्र 200मी. की दूरी पर चल रही है जहाँ एक छोटा बच्चा पन्नी पैक अबैध कच्ची शराब ग्राहक को देरहा है।जब मीडिया का कैमरा चमका तब दुकानदार जो एक झाड़ी में सामान रखकर बेंच रहा था वो चौक गया और बोला की थाने के एक तेजतर्रार सिपाही जो पूरे थानाक्षेत्र में अबैध कारोबार की वसूली करते है उन्ही के कहने पर मैने दुकान खोलरखा है।पहले महीने में तीन हजार देते थे अब पाँच हजार देना पड़ेगा इंस्पेक्टरर. बहुत तेजतर्रार है।ये है हकीकत तरबगंज थाने की जहाँ इंस्पेक्टर की नही सिपाहियों की चलती है और पैसे के लिए मासूम बच्चो की जिन्दगी दाँव पर लगा दिए है।रक्षक ही भक्षक बना बैठा हुआ है।जिससे डंके की चोट पर अबैध कच्ची शराब का कारोबार खुले आम कर रहे है व्यापारी।
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