बलरामपुर ।। प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कोरोना के नाम पर श्रमिक विरोधी घोषणाओं के विरोध में विभिन्न श्रमिक संघ लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं । बलरामपुर में भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह तथा महामंत्री सुभाष चंद्र पांडे के नेतृत्व में कर्मचारी नेताओं ने सांसद श्रावस्ती राम शिरोमणि वर्मा के कार्यालय पर मिलकर श्रमिकों की समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सौंपते हुए संसद के सत्र में बहस करने की अपील की। सांसद श्री वर्मा ने कर्मचारी नेताओं को संसद के सत्र में चर्चा करने का आश्वासन दिया ।
भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री सुभाष चंद्र पांडे ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान पूरा देश सरकार के साथ है । एक ओर जहां केंद्र की सरकार कोरोना नियंत्रण करने के लिए तथा गरीब और बेसहारा लोगों व प्रवासी मजदूरों के हित में लगातार कार्य कर रही है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा श्रमिक कानूनों को 1000 दिन के लिए स्थगित किए जाने के फैसले से श्रमिकों का शोषण होना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो विभिन्न संस्थानों या कारखानों में कार्यरत श्रमिकों का बेतहाशा शोषण होगा, जिससे कर्मचारी परेशान हो जाएंगे। कर्मचारियों को उनका हक भी समय से नहीं मिलेगा । उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सरकार प्रवासी मजदूरों के हित की बात कर रही है, वहीं श्रमिक कानूनों को 1000 दिन के लिए स्थगित करके उत्तर प्रदेश की सरकार श्रमिकों के हित के साथ धोखा कर रही है। योगी सरकार के इस फैसले को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । उन्होंने बताया कि सांसद राम शिरोमणि वर्मा को 9 सूत्रीय मांगपत्र देकर अनुरोध किया गया है कि आने वाले संसद के सत्र में श्रमिकों की समस्याओं पर चर्चा करके श्रमिकों के हितों की रक्षा करने में सहयोग करें । मांग पत्र देते समय उन्होंने कहा की चीनी मिलों में पिछले 2 वर्ष से वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिससे श्रमिकों में रोष बढ़ता जा रहा है। ऐसे में श्रमिक कानूनों को स्थगित करने से और नुकसान बढ़ जाएगा । मांग पत्र देते समय कर्मचारी संघ के महामंत्री अनूप शर्मा , देवरिषि पांडेय, राकेश वर्मा व उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रमन श्रीवास्तव सहित अन्य कई कर्मचारी मौजूद रहे।
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