रजनीश कुमार संजू
करनैलगंज(गोंडा)। पहले कोरोना के चलते लॉकडाउन ने पढ़ाई चौपट की और अब बिजली की कटौती ने छात्र-छात्राओं को पढ़ाई को लेकर मायूस कर दिया है। पढ़ने के समय सुबह और शाम बिजली की कटौती, ट्रिपिंग एवं रोस्टिंग होने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। करनैलगंज में पावर प्लांट स्थापित होने के बाद करनैलगंज नगर क्षेत्र को 20 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्र को 18 घंटे बिजली शासन द्वारा स्वीकृति की गई। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व गैर जिम्मेदाराना सोच ने बच्चों की पढ़ाई को चौपट कर दिया है। शाम को पढ़ाई के समय शाम 5 बजे से 6:30 बजे की कटौती की जाती है और सुबह पढ़ने के समय 5 बजे के बाद से बिजली कटौती हो रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति महज 12 घंटे से अधिक नहीं हो रही है। जिससे पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई चौपट है। जबकि हाईस्कूल, इंटर व स्नातक की परीक्षाएं मात्र 2 माह बाद प्रारंभ होनी है और बच्चों की पढ़ाई स्कूल न जाने एवं कोरोना के चलते स्कूल बंद होने के कारण प्रभावित हो रही है। जबकि बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नगर क्षेत्र में जो 4 घंटे की कटौती हो रही है उसका समय निर्धारण है मगर सुबह और शाम जो कटौती होती है वह रोस्टिंग का आदेश आने पर की जाती है। दूसरी तरफ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राहुल सिंह, उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंघानिया, व्यापारी में ज्ञान प्रकाश मिश्रा, राजाराम, चंद्रशेखर सोनी आदि का कहना है कि शाम को चिराग बत्ती करने का समय बिजली की कटौती कर दी जाती है और डेढ़ घंटे बाद बिजली आती है। जबकि व्यापारी हो या घरेलू सभी को शाम के समय बिजली की आवश्यकता होती है और उसी समय बिजली की रोशनी न होने के कारण लोगों के साथ व्यापारियों एवं छात्र-छात्राओं को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। विजली विभाग के उपखण्ड अधिकारी सुरेंद्र कुमार का कहना है कि रोस्टिंग के समय मे परिवर्तन कराने के लिए अधिकारियों से वार्ता की जाएगी तथा समय मे बदलाव कराया जाएगा।
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