डॉ ओपी भारती
वजीरगंज गोण्डा :- वजीरगंज के एक दर्जन ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य शून्य है।
वर्ष 015 में जिले की ग्राम पंचायतों का परिसीमन न होने से वर्ष 020 में वजीरगंज विकास खंड की 62 ग्राम पंचायतों में से 13 नई ग्राम पंचायतें बनीं और 2 मई से प्रधानों की मुठ्ठी बंधी है। जिससे आज तक यहां पर मनरेगा का कार्य शुरु ही नहीं हो पाया है। कारण इन ग्राम पंचायतों के केन्द्र सरकार के पोर्टल पर नहीं जोड़ा जा सका। अब विकास महकमा इन ग्राम पंचायतों का मनरेगा के साइट पर जोड़ने की कवायद में है, जिसे पूरा होने के बाद ही यहां मनरेगा मजदूरों को काम दिया जा सकेगा।
बता दें कि गोंडा में प्रदेश के साथ पंचायतों का परिसीमन न होने से इस वर्ष परिसीमन के बाद 13 नई ग्राम पंचायतें वजीरगंज विकास खंड में बनी। यहां पर 75 ग्राम पंचायतों की संख्या हो गई। यहां पर पुरानी ग्राम पंचायतें तो मनरेगा पोर्टल पर लोड रहीं, लेकिन नई ग्राम पंचायतों का व्यौरा इस पोर्टल से नहीं जोड़ा गया। इससे यहां पर पीएफएमएस से मजदूरी का भुगतान संभव नहीं है। ऐसे में यहां के प्रधानों की मुठ्ठी मनरेगा में काम देने से बंधी हुई है। ये चाह कर भी मिट्टी पटाई का कार्य नहीं कर पा रहे हैं। परमापुर ग्राम पंचायत के आलोक का कहना है कि उनके यहां ढेला भर का काम नहीं हो पा रहा है। सचिव कोई काम नहीं शुरु कर रहे हैं।
ये पंचायतें जोह रही बाट:
बड़कुईंया, खोखिया, भीखमपुर, परमापुर, कादीपुर, रायपुर, रुपीपुर, भटपुरवा, पिपरी, चकपान, मेहिया, बरईपारा व अजबनगगर ये नई ग्राम पंचायतें हैं। यहां पर विकास कार्य के लिए प्रधान बाट जोह रहे हैं।
क्या कहते हैं डी पी आर ओ
डीपीआरओ सभाजीत पाण्डेय कहते हैं कि नई ग्राम पंचायतों को पीएफएमएस से जोड़ दिया गया है। यदि कहीं कोई दिक्कत हो तो परियोजना प्रवंधक से मिलकर सहयोग ले सकते हैं।
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