बी पी त्रिपाठी
गोण्डा: उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा मयंक कुमार जैन के आदेश के आलोक में कृष्ण प्रताप सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा की अध्यक्षता में विधिक सेवा दिवस के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के अनुसरण में विधिक सेवा व सहायता गतिविधियों को जन जन तक पंहुचाने के उद्देश्य से तहसील तरबगंज गोण्डा के वजीरगंज कॉमन सर्विस सेंटर जमुनहवा में विधिक जागरूकता कार्यक्रम प्रोजेक्ट टेली लाॅ विषय पर किया गया।
शिविर में सचिव द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि आजादी का अमृत महोत्स मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत के संविधान में जनसामान्य के जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन रोकने के लिए मौलिक अधिकार दिया गया है, जिससे जनपद के समस्त जनमानस तक विधिक सेवा/सहायता गतिविधियों सेे जागरूक करते हुए पंहुच सुनिश्चित करना है।
प्रत्येक वर्ष 09 नवम्बर को विधिक सेवा दिवस का आयोजन किया जाता है तथा वर्तमान में 8 नवंबर, 2021 से आगामी 14 नवंबर, 2021 तक विधिक सेवा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर में सचिव द्वारा प्रोजेक्ट टेली लाॅ के सन्दर्भ में जानकारी देते हुए बताया गया कि टेली लॉ का अर्थ है कानूनी जानकारी और सलाह के लिए संचार और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग वकीलों और लोगों के बीच ई-बातचीत सीएससी पर उपलब्ध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी जाऐ।
गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मुफ्त में कानूनी सहायता देने के लिए टेली लॉ सर्विस योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जिस किसी व्यक्ति को सलाह की जरूरत होती है, वह वकीलों से मुफ्त में कानूनी सहायता ले सकता है।
संचार व सूचना तकनीकी का इस्तेमाल करके ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को वकीलों से ई संवाद जोकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉमन सर्विस सेंटर में उपस्थित वकीलों के एक पैनल के माध्यम से कानूनी सूचना व कानूनी सलाह टेली लॉ के तहत प्रदान करते हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कामन सर्विस सेन्टर पर टेली लाॅ पराविधिक स्वयं सेवकों की नियुक्ति की गयी है। इसके लिऐ जरूरतमंदों को कानूनी सलाह प्राप्त करने के लिए पहले पैरा लीगल स्वयं सेवकों से मिलना होगा, उसके पुनः बाद कॉमन सर्विस सेंटर पर जाना होगा, उसके तत्पश्चात आपके मामले को पंजीकृत किया जाएगा तथा मिलने के लिए आपको समय और दिन (अपॉइंटमेंट) लेना होगा।
इसके बाद भुगतान कर रसीद लेनी होगी, सलाह लेने के लिए नागरिकों को दिए गए दिन और समय पर आना होगा, टेली लॉ के माध्यम से कानूनी विशेषज्ञ द्वारा कानूनी सलाह प्रदान की जाएगी अथवा कानूनी सलाह प्राप्त हो जाने के बाद मामला समाप्त किया जाएगा।
निःशुल्क कानूनी सेवा लाभ लेने वाले के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, जाति प्रमाण पत्र, विकलांगता पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र इत्यादि की आवश्यकता होती है। वर्तमान में न्याय सभी के लिए उपलब्ध है, न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है।
यदि कोई व्यक्ति अपना मामला न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहता है अथवा उसका कोई प्रकरण न्यायालय में लम्बित है तो उस व्यक्ति की गरीबी न्याय दिलाने में रूकावट नही होगी।
वर्तमान समय में तहसील स्तरीय न्यायालय से उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक न्याय दिलाये जाने हेतु विधिक सेवा समितियां, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समितियां कार्य कर रही हैं।
कोई भी व्यक्ति जो अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य है, मानव दुव्र्यव्हार एवं बेगारी से पीड़ित है, स्त्री या बालक है, मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा असमर्थ है, जातीय हिंसा, अत्याचार, औद्योगिक कर्मकार आदि श्रेणी में आने वाले व्यक्ति हैं, तो निःशुल्क विधिक सहायता पाने के हकदार हैं। इसके लिए आवेदन जिले में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को करना पडेगा।
दूरस्थ ग्रामीण एवं दूरगामी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्ति आनलाइन के माध्यम से विधिक सेवाओं की जानकारी तथा निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 (क) में सभी के लिये न्याय सुनिश्चित किया गया है और गरीबों तथा समाज के कमजोर वर्गों के लिये राज्य द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करने को कहा गया है तथा अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करता है।
इस अवसर पैगाम हैदर तहसील तरबगंज, कॉमन सर्विस सेंटर के जिला प्रबन्धक अभय श्रीवास्तव, वीएलई रमेश मिश्रा व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक मुकेश कुमार वर्मा व पराविधिक स्वयं सेवक प्रभुनाथ सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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