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करनैलगंज: सपने हमेशा मातृभाषा में ही आते हैं:सैय्यद सईद अहमद




रजनीश/ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। राष्ट्रीय प्रेरक स्पीकर सैय्यद सईद अहमद ने शिफा पॉलीक्लीनिक पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व की कोई भी भाषा अपनी मातृभाषा से सीखी जा सकती है।


 यह इस बात का प्रमाण है कि हम अपनी मातृभाषा का सही उपयोग करके विश्व की सारी प्रगति हासिल कर सकते हैं। सैय्यद सईद अहमद अंतरराष्ट्रीय स्तर के राब्ता फाउंडेशन पुणे महाराष्ट्र के अध्यक्ष हैं।


 उन्होंने कहा झूठी प्रतिष्ठा के नाम पर लोग दूसरों की भाषा कौशल को ही सफलता का राज समझने लगे हैं। यह नकारात्मक सोच का परिणाम है। 



जबकि सभी जानते हैं की सपने हमेशा मातृभाषा में ही आते हैं। और ये भी सच है कि जो सबसे अच्छा सपना देख सकता है वह सबसे अच्छा आविष्कार कर सकता है। 


देश दुनिया में वही लोग सबसे तेज विकास कर रहे हैं जो दुनिया के महान विज्ञान और कलाओं को अपनी मातृभाषा में जोड़ते हैं और उनकी मदद से अपने वंशजों के रचनात्मक दिमाग बनाते हैं। 



मातृभाषा के संबंध में और विशेष रूप से उन्होंने कहा कि यह कहते हुए दुख की बात है कि हम अपनी ही भाषा को काट रहे हैं। उन्होंने देश के सभी बुद्धिजीवियों से हिंदी व उर्दू भाषा को बढ़ावा देने की अपील की। 



कार्यक्रम के दौरान पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद करनैलगंज शमीम अहमद अच्छन, शेख शम्स, डॉ. हबीबुल्लाह, शकील अहमद खान, डॉ.फरीद खान, डॉ. वहीद, मास्टर शमीम, मुहम्मद यूनुस, कलाम वारसी आदि उपस्थित रहे।

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